DESK - बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC )द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है, और जांच के दौरान यह फर्जीवाड़ा शिक्षा विभाग के द्वारा पकड़ में आ रही है.
ऐसा ही एक फर्जीवाड़ा औरंगाबाद जिला से सामने आई है, जिसमें शिक्षिका के गलत सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लेने की बात सामने आई है. इसके बाद शिक्षा विभाग ने संबंधित शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. इस संबंध में पत्र भेज कर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
यह पत्र औरंगाबाद जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा मदनपुर प्रखंड के पड़रायां मध्य विद्यालय की शिक्षिका शैलेश कुमारी को भेजा गया है.इस पत्र में कहा गया है कि आवेदन में आपके द्वारा प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में दो वर्षीय डिप्लोमा की जानकारी दी गई है जबकि सर्टिफिकेट में B.Ed की डिग्री लगाई गई है.इसलिए आपकी नियुक्ति निरस्त करने योग्य है. इन संबंध में आप अगले तीन दिन में पूरे सर्टिफिकेट के साथ स्पष्टीकरण दें, निर्धारित समय अवधि में स्पष्टीकरण नहीं देने पर यह माना जाएगा कि आपको अपने संबंध में कुछ खाने के लिए नहीं है, फिर आपके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
बताते चलें कि संबंधित शिक्षिका शैलेश कुमारी प्राथमिक विद्यालय के लिए चयनित हुई है, और कोर्ट के आदेश के बाद प्राथमिक विद्यालयों के लिए बीएड डिग्री धारी की नियुक्ति सामान्य कर दी गई थी, इसके बावजूद शैलेश कुमारी की नियुक्ति हुई है, और सर्टिफिकेट जांच के बाद गड़बड़ी सामने आई है, इसके बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू की है.