देश के नए संसद भवन में आज से गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर कार्यवाही शुरू हो गई. आज पुराने संसद भवन में कार्यक्रम 11 बजे ही शुरू हुआ. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना आखिरी भाषण पुराने संसद में दिया. जिसमें उन्होंने एक बड़ी घोषणा की. दरअसल, पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान पुरानी संसद भवन का नाम बदलने का सुझाव दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, 'मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो पुराने संसद भवन की गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए. इसे सिर्फ 'पुराना संसद भवन' कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए. अगर आप सब की सहमति हो तो इसे भविष्य में 'संविधान सदन' के नाम से जाना जाए.'
इस दौरान नरेंद्र मोदी ने सुझाव देते हुए कहा कि, पुराने संसद भवन का नाम 'संविधान सदन' रखा जाना चाहिए. 'आज हम यहां से विदा लेकर संसद के नए भवन में बैठने वाले हैं और ये बहुत शुभ है कि गणेश चतुर्थी के दिन वहां बैठ रहे हैं.' बता दें कि, इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी के साथ फोटो भी खिंचवाई. वहीं, एक ओर जहां पुराने संसद भवन का नया नाम रखा गया. तो वहीं, दूसरी तरफ 'महिला आरक्षण बिल' को भी नया रूप दिया गया. दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने 'महिला आरक्षण बिल' को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' का नाम दिया.
उन्होंने कहा कि, नारी शक्ति वंदन अधिनियमन के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा. मैं देश की माताओं-बहनों और बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. बता दें कि, लोकसभा में आज केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवालनारी द्वारा शक्ति वंदन अधिनियमन बिल को पेश किया गया. लेकिन, इस दौरान कांग्रेस के सांसदों द्वारा जमकर हंगामा किया गया. जिसके बाद सदन की कार्यवाही को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. अब इस बिल पर कल चर्चा की जाएगी.