देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड स्थापना दिवस पर भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु पहुंचे. इस दौरान पीएम मोदी के स्वागत में भव्य तैयारियां की गई थी. साथ ही यहां एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था जहां पीएम मोदी ने भी शिरकत की. इस दौरान पीएम मोदी कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के साथ ही कई बड़े ऐलान भी किये. इसके साथ ही विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को विकसित बनाने के लिए 4 मंत्र दिए. उन्होंने कहा कि, यदि अगले 25 साल में हमें विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण करना है, तो चार अमृत स्तंभों को निरंतर मजबूत करना होगा.
भाषण में 4 मंत्रों का किया जिक्र
आगे अपने भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, हमारी सरकार ने जितना काम 10 साल में किया है, हम उससे भी ज्यादा ऊर्जा के साथ चार अमृत स्तंभों पर अपनी पूरी ताकत लगाएंगे. उन चार स्तंभों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ये चार स्तंभ भारत की नारी शक्ति, भारत के किसान भाई-बहन और किसानी के कारोबार से जुड़े लोग, पशुपालक, मछली पालक आदि, भारत की युवाशक्ति और भारत का मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग और गरीब हैं. बता दें कि, इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने 'पीएम जनमन' अभियान का ऐलान किया. जनजाति गौरव के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा को उनके जन्मस्थान पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद नरेंद्र मोदी ने नई योजना की घोषणा की और इसके फायदे भी बताए.
'पीएम जनमन योजना' का ऐलान
पीएम मोदी ने कहा कि, पीएम जनमन योजना के तहत सबसे पिछड़े आदिवासियों तक सरकार पहुंचने वाली है, जिन्हें अब तक नजरअंदाज किया जा रहा था. यह वैसे आदिवासी हैं जो जंगलों में रहने को मजबूर हैं. देश के 22,000 से ज्यादा गांवों में रह रहे ऐसी 75 जनजातीय समुदाय की पहचान हमारी सरकार ने की है. जैसे पिछड़ों में भी अति पिछड़े होते हैं. वैसे ही आदिवासियों में ये सबसे पीछे रह गए आदिवासी हैं और इनकी जनसंख्या देश में लाखों में है. इन्हें आजादी के 75 साल के बाद भी आजादी नहीं मिली है. किसी भी तरह की पूरी तरह से सुख-सुविधाओं से ये सभी वंचित हैं. जिस पर अब विराम लगने वाला है.
विपक्ष को भी निशाने पर लिया
आगे नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि, मैंने कभी समाज के आखिरी व्यक्ति का नमक खाया है. मैं आज भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर वो कर्ज चुकाने आया हूं. देश के 18,000 गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी. उन्हें अंधेरे में जीने के लिए छोड़ दिया गया था क्योंकि वहां बिजली पहुंचाने के लिए कई तरह की मुश्किले थी. मक्खन पर लकीर तो सब करते हैं पर हम पत्थर पर लकीर खींचते है. मैंने 1000 दिन में 18,000 गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था जो पूरा कर दिया है. देश के 110 जिले विकास के हर पैमाने पर पिछड़े थे. इन चीजों पर पुरानी सरकार ने ठप्पा लगा दिया कि यह तो पिछड़े हैं. पहले की सरकारें उनकी पहचान करती थीं. लेकिन, इन जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुविधआएं दशकों से दयनीय स्थिति में थी. इन्हीं पिछड़ी जिलों में सबसे ज्यादा आदिवासी परिवार के लोग रहते हैं. बता दें कि, इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कई अहम मुद्दों का जिक्र किया. वहीं, आज से भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली से विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू हो गई है जो कि अगले साल 26 जनवरी तक चलेगी.