19 अप्रैल को लोकसभा के चुनाव को लेकर बिहार में पहले चरण की वोटिंग होनी है. लेकिन, इससे पहले सियासत में कई तरह की गतिविधियां देखने के लिए मिल रही है. इस बीच हाल ही में कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने वाले पप्पू यादव सुर्खियों में बने हुए हैं. गुरुवार की देर शाम पप्पू यादव के आवास पर छापेमारी हुई, जिसके बाद हर तरफ उनकी चर्चा हो रही है. हालांकि, इस छापेमारी को पप्पू यादव ने साजिश करार दिया है और साफ तौर पर सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. पप्पू यादव का कहना है कि, नीतीश सरकार उन्हें परेशान करना चाह रही है. बता दें कि, पप्पू यादव निर्दलीय पूर्णिया से चुनाव लड़ रहे हैं.
सोशल मीडिया के जरिये फूटा गुस्सा
इस बीच सोशल मीडिया पर पप्पू यादव का गुस्सा फूट पड़ा है. सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए पप्पू यादव ने लिखा कि, कितना नीचे गिरेगी सरकार ? पूर्णिया के बेटे को और कितना परेशान करेगी ? जनता जवाब देगी! इसके साथ ही आगे पप्पू यादव ने यह भी लिखा कि, बीजेपी-जदयू की सरकार का हार का डर अच्छा लगा ! मुझे Y श्रेणी की सुरक्षा देने के लिए इनके पास पुलिस बल नहीं है. छापा मारने सैकड़ों पुलिस भेज दिया. इस पोस्ट के जरिये एक तरफ जहां पप्पू यादव ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया तो वहीं साथ में तंज भी कस दिया. बता दें कि, पप्पू यादव ने हर हाल में पूर्णिया से चुनाव लड़ने की ठान ली है.
अपनी जान को बताया था खतरा
इससे पहले मीडिया से बात करते हुए पप्पू यादव यादव ने कहा था कि, "उनकी जान को खतरा है, जिस दिन हमने कांग्रेस जॉइन किया था, उसी दिन हमारी सुरक्षा हटा ली गई. बिना किसी ऑर्डर के सभी पार्टी की गाड़ियां चल रही हैं और मेरे कार्यालय आ गए. इससे बड़ा गलत रवैया क्या होगा. दो ही बात होगी या तो मैं मरूंगा या पूर्णिया जिंदा रहेगा. मैं डरने वाला तो मैं हूं नहीं 26 अप्रैल तक मैं चुनाव आयोग की बात मानुंगा. 26 के बाद और 4 जून के बाद या तो पप्पू या तो सरकार". तो वहीं, इन सभी गतिविधियों को देखते हुए बिहार की सियासत में गजब की हलचल पैदा हो गई है. पप्पू यादव लगातार लोगों से मुलाकात कर वोट के लिए अपील कर रहे हैं.