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G-20 समिट के वीवीआईपी की सुरक्षा को ये खास इंतजाम, परिंदा भी नहीं मार पाएगा पर

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भारत G20 शिखर सम्‍मेलन की मेजबानी के लिए तैयार है. राजधानी नई दिल्ली में शनिवार और रविवार को G20 समिट का आयोजन होने जा रहा है. आज अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन दिल्‍ली पहुंच रहे हैं. इसके अलावा जापान और ब्रिटेन समेत कई देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष आज भारत पहुंच रहे हैं. G20 समिट का का मुख्य कार्यक्रम दिल्ली के प्रगति मैदान में बनाए गए भारत मंडपम में होगा. इसके अलावा अन्य कुछ कार्यक्रम अलग-अलग स्थलों पर होंगे. शनिवार को सुबह से ही सभी देशों और शिष्टमंडलों के नेता भारत मंडपम में पहुंच रहे हैं. 

इसे लेकर दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की कई एजेंसियां काम पर लगी हुई है. सुरक्षा में कोई कमी ना हो इसके लिए सेना के जवान आसमान में गश्त करते हुए दिख सकती है. इस गश्ती के पीछे एक योजना भी बनाई गई है, जिसके दम पर रूट्स क्लीयरेंस देखी जाएगी. इसके लिए कुछ चुनौतियां भी है. उससे निपटने के लिए कई तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं. 

जी-20 समिट के दौरान आईटीपीओ में होने वाले सम्मेलन के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. किसी भी तरह की इमरजेंसी से निपटने के लिए विशेष तौर पर हॉल संख्या 4 के पास हेलीपैड तैयार किया गया है. जरूरत पड़ने पर एनएसजी के विशेष कमांडो हेलीकॉप्टर की मदद से यहां ऑपरेशन चलाएंगे और वीवीआईपी को इसी हेलीकॉप्टर से सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा. इसके लिए एनएसजी के कमांडो बीते दो माह से लगातार अभ्यास कर रहे हैं. आवश्यकता पड़ने पर वीवीआईपी की गाड़ी को भी हेलीकॉप्टर से लिफ्ट किया जा सकता है.

जी-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा के मद्देनजर गुरुवार से ही सेना के हेलीकॉप्टर राजधानी के आसमान में गश्त कर रहे हैं. अत्याधुनिक हथियारों, सेना और एनएसजी के कमांडो दस्ते से लैस आठ हेलीकॉप्टर कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, जबकि लगभग चार हेलीकॉप्टर राजधानी के बाकी हिस्सों की लगातार हवाई निगरानी करेंगे.

हेलीकॉप्टर में सवार कमांडो किसी भी संदिग्ध वस्तु को देखते ही नष्ट कर देंगे. अगर वीआईपी किसी आपात स्थिति में फंस जाते हैं तो उन्हें सुरक्षित निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं कमांडो दस्तों की होगी. विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के कमरों की खिड़कियों को भी सुरक्षा के लिहाज से अपग्रेड किया गया है. उनके कमरों की खिड़कियों को बुलेट प्रूफ शीशे से तैयार किया गया है. सभी ऊंची इमारतों पर एनएसजी और सेना के स्नाइपरों की तैनाती की गई है.

इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ वीडियोज भी वायरल हो रहे हैं जिसमें दिख रहा है कि जी20 शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार तैयारी जारी है. अभ्यास के तहत आज सुबह एक हेलीकॉप्टर ने इंडिया गेट के पास दिल्ली के एक पॉश होटल ली मेरिडियन की छत पर लैंडिंग और टेक-ऑफ अभ्यास किया.

सम्मेलन से पहले ही दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कारणों से 29 अगस्त से लेकर 12 सितंबर तक राजधानी में पैराग्लाइडर, हैंग-ग्लाइडर और हॉट एयरबैलून की उड़ान पर रोक लगा दी है. सुरक्षा को चाक-चौबंद बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉड्यूल का भी इस्तेमाल हो रहा है.

सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसिजेंयां किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतना चाहती हैं. कुछ समय पहले गृह सचिव अजय भल्ला ने आईटीपीओ का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने पुलिस को सलाह दी थी कि इमरजेंसी के लिए हेलीपैड बनाने की संभावना देखी जाए. उनके निर्देश के बाद एनएसजी के साथ हुई बैठक में भी यह मुद्दा उठाया गया था. एनएसजी की तरफ से साफ किया गया था कि आपात स्थिति में हेलीकॉप्टर से ही उन्हें ऑपरेशन चलाना होगा. इसलिए प्रगति मैदान में हेलीपैड बनाया जाए. सूत्रों ने बताया कि हॉल संख्या 4 के समीप हेलीपैड तैयार कर लिया गया है.

सूत्रों ने बताया कि आपातकालीन हालात से निपटने के लिए आईटीपीओ से लेकर होटलों, एयरपोर्ट और राजघाट के पास सुरक्षित जगह (सेफ हाउस) बनाए गए हैं, ताकि तत्काल वीवीआईपी को वहां शिफ्ट किया जा सके. आतंकी हमले से निपटने के लिए एनएसजी के 200 कमांडो दिल्ली में तैनात रहेंगे. हाल ही में उन्होंनेने अक्षरधाम में भी हेलीकॉप्टर से बचाव ऑपरेशन का अभ्यास किया है. ड्रोन हमले से भी निपटने के लिए एनएसजी की विशेष टीम यहां तैनात रहेगी.

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