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1700 किलोमीटर की दूरी तय कर गणपति पहुंचे गया, 756 प्रकार का लगेगा भोग

Ganpati reached after travelling a distance of 1700 kms by t

Gaya -वैसे तो गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से बिहार में भी गणेश चतुर्थी का त्योहार लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. बिहार के गया जिले में गणेश चतुर्थी को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. 

गया में भगवान गणेश की मूर्ति मुंबई से लाई गई है. बकायदा इसके लिए गणपति बप्पा का रिजर्वेशन कराया गया और वह सीट पर बैठकर आए हैं. सात सितंबर को इनकी स्थापना होगी. हावड़ा-मुंबई मेल एक्सप्रेस के स्लीपर क्लास के कोच एस-1 में और बर्थ संख्या-46 पर सवार होकर 8 साल के गणपति बप्पा बिहार पहुंचे हैं.

टिकट बुक करके ले आए गणपति


गया शहर के बैरागी पावरगंज में 7 सितंबर को गणपति बप्पा विराजमान होंगे. इसके बाद पूजा होगी और फिर लोग दर्शन कर सकेंगे. 12 सितंबर तक गणपति उत्सव मनाया जाएगा. मुंबई से मूर्ति लेकर गया पहुंचने वाले देवोत्तम कुमार ने बताया कि वह पिछले सात वर्षों से पावरगंज मोहल्ले में गणपति उत्सव का आयोजन करते आ रहे हैं. उनकी गणपति बप्पा के प्रति इतनी श्रद्धा और आस्था है कि उन्होंने मुंबई जाकर आकर्षक और मनमोहक प्रतिमा खरीदी है. तीन फीट की प्रतिमा को लाने के लिए उन्होंने अपने साथ गणपति बप्पा का भी टिकट बुक कराया. उम्र 8 साल लिखा और नाम में उन्होंने गणपति जी महाराज लिखा था. 8 सितंबर को 756 प्रकार के व्यंजनों का भोग और 10 सितंबर को 101 किलो मोदक का भोग लगाया जाएगा।


4 साल से मुंबई से ला रहे मूर्ति लाने के पीछे की वजह को भी देवोत्तम कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र में बड़े धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जाता है और वहां की मूर्ति काफी खूबसूरत होती है. गया के लोगों को मुंबई के गणेश जी के दर्शन करें, इसी उद्देश्य से पिछले 4 साल से मुंबई से मूर्ति लाते हैं. इसके लिए अपने साथ मूर्ति के लिए भी उन्होंने सीट को बुक कराया. बता दें कि गया के बैरागी में आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आते हैं और अंतिम दिन भंडारा होता है.

756 प्रकार का लगेगा भोग

देवोत्तम ने बताया कि जब पहली बार 8 साल पहले गणेश उत्सव की उन्होंने शुरुआत की थी, तब 56 प्रकार का भोग लगाया गया था. उसके बाद हर साल 100 भोग की वृद्धि की गई और इस बार 756 प्रकार के भोग लगाए जाएंगे. इसके अलावा इस वर्ष से अलग-अलग दिन मोदक के भोग लगाए जाएंगे. उन्होंने गया और आसपास के जिले के श्रद्धालुओं से अपील की है कि बड़ी संख्या में लोग गणेश उत्सव के त्योहार में शामिल हो.

 गया से मनीष की रिपोर्ट

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