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चंद्रयान-3: गया के वैज्ञानिक सुधांशु कुमार भी हैं मिशन का अहम हिस्सा, पिता चलाते हैं आटा चक्की मिल

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चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग को लेकर देश के 140 करोड़ देशवासी उत्सुक हैं. सभी लोग उस सुखद लम्हे का इंतजार कर रहे हैं. बुधवार की शाम चंद्रमा की सतह पर इसकी लैंडिंग होनी है. ऐसे खुशनसीब मौके पर देश के 140 करोड़ देशवासियों के साथ गया शहर के खरखुरा मोहल्ले के रहने वाले वैज्ञानिक सुधांशु चंद्रयान-3 के हिस्सा हैं. इसरो वैज्ञानिक सुधांशु कुमार के माता-पिता ज्यादा उत्साहित हैं. चंद्रयान-3 की सफलता के लिए भगवान की तस्वीर के समक्ष पूजा अर्चना कर आराधना करने में जुटे हैं. वैज्ञानिक सुधांशु की मां बिंदु देवी घर से बाहर तक देवी देवताओं की पूजा कर रही हैं. उन्होंने बातचीत में खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज मेरे परिवार के साथ पूरे देश के लिए खुशी का दिन है. चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंडिंग करता है तो इससे बड़ी खुशी मेरे लिए और कुछ नहीं होगी. मेरे बेटे की सफलता से ज्यादा देश की सफलता है. मुझे गर्व है अपने बेटे पर. मेरा बेटा अपने देश के लिए चंद्रयान-3 का एक हिस्सा है.

चंद्रयान-3 के लॉन्च व्हीकल बनाने में शामिल हैं सुधांशु

इसरो के श्रीहरिकोटा सेंटर में वैज्ञानिक सुधांशु कुमार चंद्रयान-3 के लॉन्च व्हीकल बनाने की टीम में शामिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसे बनाने के लिए कुल 30 लोगों की टीम थी, जिसमें 3 वैज्ञानिक रहे हैं. उनमें एक वह भी वैज्ञानिक के रूप में शामिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि सैटेलाइट को ऑर्बिट तक पहुंचाने का काम लॉन्च व्हीकल की मदद से किया जाता है. अभी तक सब कुछ सही चल रहा है. पूरी टीम को विश्वास है, हम लोग शत प्रतिशत सफल रहेंगे। सभी की निगाहें कंप्यूटर स्क्रीन पर रात दिन टिकी हुई है.

वैज्ञानिक सुधांशु के पिता चलाते हैं आटा चक्की

सुधांशु के पिता महेंद्र प्रसाद आटा चक्की संचालक हैं. वह इस अभियान को लेकर बहुत खुश हैं. आटा चक्की में आने वाले ग्राहक को कह रहे हैं चंद्रयान-3 सफल रहा तो वह लोगों को मिठाई खिलाएंगे.

वैज्ञानिक सुधांशु के पिता महेंद्र प्रसाद ने बताया कि मेरा बेटा 25 वर्षीय हिमांशु इसरो में वैज्ञानिक के रूप में सितंबर 2021 में ज्वाइन किया था. वह वर्तमान समय में श्रीहरिकोटा में पदस्थापित है. उसकी शिक्षा दीक्षा सरकारी स्कूल से हुई.

वैज्ञानिक सुधांशु कुमार की मां बिंदु देवी और पिता महेंद्र प्रसाद ने बताया कि जितना मन में घबराहट अभी चंद्रयान-3 को लेकर हो रहा है उतनी घबराहट सुधांशु के रिजल्ट के समय भी नहीं हुआ था. हम लोग बस भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि चंद्रयान- 3 का लैंडिंग सफलतापूर्वक चंद्रमा पर हो जाए. हमारे देश का नाम विश्व में हो और हमारे बेटे का भी नाम हो क्योंकि हमारा बेटा भी इस अभियान का हिस्सा है.

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