Gaya-आईआईटीयन का हब माने जाने वाले बिहार के गया के पटवा टोली में इन दिनों छात्राएं खुद राखियां बना रही है. उनके हाथों की बनी राखियां इस बार भाई-बहनों के अटूट प्यार का पर्व रक्षाबंधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी जाएगी. यहां से पिछले कई सालों से एलओसी पर तैनात जवानों को हजारों राखियां भेजी जाती है. इस बार पीएम को भी राखियां भेजी जाएगी. छात्राओं का कहना है, कि पीएम ने महिलाओं के लिए काफी कुछ किया. छात्राओं के भी हित में कई कदम उठाए हैं.
गौरतलब है कि राखी तैयार करने वाली यह छात्राएं इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही है. गया के मानपुर में 'वृक्ष वी द चेंज' नाम की संस्था पिछले एक दशक से अधिक समय से संचालित है. यह संस्था छात्र-छात्राओं को आईआईटीयन की तैयारी निशुल्क करवाती है. इस संस्था से सैकड़ो छात्र- छात्राएं सफल हो चुके हैं. यहां की छात्राएं काफी जागरुक है और जब रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है, तो यहां वृक्ष वी द चेंज में पढ़ने वाली छात्राएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए राखी बना रही है.
छात्राएं पीएम के लिए स्पेशल राखी बना रही है. यह राखी प्रधानमंत्री के लिए भेजी जाएगी. छात्राओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में महिलाओं- छात्राओं के लिए काफी कुछ किया है. महिलाओं को उन्होंने रोजगार करना सिखाया है. पहले महिलाएं घर से नहीं निकलती थी, लेकिन अब वे स्वरोजगार भी कर रही है. सरकारी नौकरियों में भी महिलाओं को तवज्जो दी जा रही है. वहीं, छात्राओं के लिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी कुछ किया है. कई ऐसे कदम उठाए हैं, जो सराहनीय है. पीएम ने एक भाई का फर्ज निभाया है, तो हम बहनें भी अपना फर्ज निभाएंगे और प्रधानमंत्री के लिए हम बहनों की राखी जाएगी.
गया का पटवा टोली आईआईटीयन के हब के रूप में जाना जाता है. यहां के सैकड़ो छात्र छात्राएं इंजीनियर बन चुके हैं और राज्य -देश से लेकर विदेश में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे. पिछले एक दशक से अधिक समय से 'वृक्ष वी द चेंज' नाम की संस्था काम कर रही है. इस संस्था के द्वारा छात्र-छात्राओं को निशुल्क आईआईटी-नीट की तैयारी कराई जाती है. यहां के जो पास आउट छात्र होते हैं, वे ऑनलाइन इनकी क्लास लेते हैं. यहां की छात्रा-छात्राओं की प्रतिभा काफी है.खास बात यह है, कि अब काफी संख्या में छात्राएं इंजीनियर बन रही है. पिछले एक दशक से लगातार मानपुर के पटवा टोली के लङके-लङकियां इंजीनियर बन रहे हैं.
गया से मनीष की रिपोर्ट