Desk- ऐसा लगता है कि मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह के अच्छे दिन आ गए हैं. हथियार बरामदगी मामले में पटना हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है. वही उनके खिलाफ कार्रवाई करने वाली तेजतर्रार आईपीएस लिपि सिंह की मुश्किलें बढ़ने वाली है. वह सरकार में सटिंग पोस्ट पर चली गई है. वही बिहार के मुखिया नीतीश कुमार खुद उनके घर पर जाकर मुलाकात कर रहे हैं. इसके बाद छोटे सरकार के रुतबे का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.
बताते चलें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बाढ़ अनुमंडल क्षेत्र मैं कई योजनाओं का शिलान्यास उद्घाटन और निरीक्षण करने पहुंचे थे. वे अनुमंडल मुख्यालय से लेकर सुदूरवर्ती सिमरिया गंगा घाट पुल तक का निरीक्षण करने पहुंचे थे.बाढ़ अनुमंडल में करोड़ों रुपये की कई योजनाओं का उद्घाटन किया।उससे पहले बख्तियारपुर-मोकामा फोरलेन पथ पर रेलवे ओवर ब्रिज, ताजपुर-करजान सड़क संपर्क पथ का निरीक्षण किया।मोकामा पहुंचे मुख्यमंत्री ने औन्टा-सिमरिया गंगा पुल का अवलोकन कर मरांची प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया।
इसके बाद सीएम नीतीश ने नवनिर्मित बेलछी प्रखंड सह अंचल कार्यालय का उद्घाटन कर जनता को समर्पित किया। बेलछी में कार्यक्रम संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री सीधे अनंत सिंह के गांव नदवां पहुंचे और अनंत सिंह से मुलाकात की है। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ केन्द्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत कई अन्य नेता भी साथ थे।
बताते चलने की जब अनंत सिंह राजद के साथ जुड़े थे और 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी महागठबंधन से मुंगेर से लोकसभा का चुनाव लड़ी थी उस समय नीतीश कुमार की सरकार की पुलिस अनंत सिंह के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन ले रही थी. घर से एक-47 बरामदगी मामले में उन्हें जेल से 10 साल की सजा मिली थी, इसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी और उनकी पत्नी नीलम देवी मोकामा से राजद के टिकट पर उपचुनाव लड़कर विधायक बनी थी. पर 2023 में नीतीश कुमार के महागठबंधन को छोड़कर एनडीए के साथ जाने के बाद नीलम देवी भी नीतीश कुमार के साथ चली गई उसके बाद अनंत सिंह के अच्छे दिन शुरू हो गए. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें पैरोल मिली. उस समय उन्होंने उम्मीद जताई थी कि उन्हें जल्द ही जेल से छुटकारा मिल जाएगा, और बाद में पटना हाई कोर्ट ने निचली अदालत से मिली सजा को खत्म करते हुए उन्हें बरी कर दिया. अब अनंत सिंह जेल के सलाखों से बाहर है. नीतीश कुमार और उनकी सरकार के लिए बैटिंग कर रहे हैं. यही वजह है कि जब बिहार के मुखिया नीतीश कुमार जब बाढ़ इलाके में शिलान्यास और उद्घाटन के कार्यक्रम में आए तो वे बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनंत सिंह के घर पर पहुंच गए.