देश की राजधानी दिल्ली की हालत प्रदूषण से नाजुक बनी हुई है. लोगों को लगातार उनसे खास एहतियात बरतने की अपील की जा रही है. इस बीच बात करें बिहार की राजधानी पटना की तो अब पटना की हवा भी दिल्ली की तरह खतरनाक हो गई है. बता दें कि, दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में पटना का तो यह दूसरे पायदान पर पहुंच गया है. पटना के प्रमुख छह क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता खराब और बहुत खराब श्रेणी में है. गांधी मैदान का औसत सूचकांक 453, राजवंशी नगर का 416, समनपुरा 385, पटना सिटी 381, दानापुर 359 और आयकर गोलंबर का 263 हो गया है. गांधी मैदान का अधिकतम सूचकांक 500 तक पहुंच गया है.
किसानों के लिए फरमान जारी
इधर, बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार की ओर से किसानों के लिए फरमान जारी कर दिया है. दरअसल, कई किसानों के द्वारा पराली जलाई जा रही है. इसी क्रम में इस प्रथा में लिप्त किसानों की पहचान करने और उनके नाम ब्लॉक कार्यालयों में लगाने का फैसला बिहार सरकार ने किया है. वहीं, इस फरमान को लेकर अधिकारियों की माने तो, ऐसे व्यक्तियों के नाम उजागर करके उन्हें शर्मिंदा करने के अलावा, ऐसे किसानों के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 133 के तहत कार्रवाई शुरू करने के भी निर्देश दिए गए हैं, जो गैरकानूनी बाधा या उपद्रव से संबंधित है.
कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने किसानों को चेताया
वहीं, प्रदेश के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि, 'राज्य सरकार ने वायु प्रदूषण रोकने और मिट्टी की उर्वरता की रक्षा के लिए पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया है. किसानों को सख्त चेतावनी जारी की गई है कि यदि वे पराली जलाते हैं, तो सरकारी योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता और सब्सिडी से इनकार कर दिया जाएगा'. इतना ही नहीं, कृषि मंत्री ने आगे यह भी कहा कि, राज्य किसानों को सस्ती दर पर बिजली और रियायती कीमतों पर डीजल उपलब्ध कराता है. इसलिए, किसानों को लोगों और पर्यावरण की बेहतरी के लिए इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. आपको यह भी बता दें कि, बता दें कि अप्रैल महीने में ही कृषि विभाग द्वारा रोहतास, कैमूर, बक्सर, नालंदा, गया और पटना जिलों के कई किसानों को पराली जलाने से संबंधित मानदंडों का उल्लंघन करने को लेकर दंड दिया गया था.