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गर्मी छुट्टी में स्कूल नहीं जा रहे हैं गुरूजी, अपने स्पष्टीकरण में सीधे ACS KK पाठक को लपेट लिया..

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DARSH NEWS DESK:- शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव(ACS) केके पाठक के आदेश की वजह से बिहार के सरकारी स्कूल के शिक्षक पहली बार गर्मी छुट्टी में स्कूल जा रहे हैं.इस दौरान कई शिक्षक केके पाठक के आदेश की अवहलेना करते हुए स्कूल नहीं जा रहे हैं,और जब विभाग द्वारा स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है तो तर्क से साथ ही कुतर्क भी कर रहे हैं.मुजफ्फरपुर जिले के एक शिक्षक का स्पष्टीकरण सोसल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें संबंधित शिक्षक ने अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि वे नियमों के खिलाफ गर्मी छुट्टी में शिक्षकों को स्कूल बुला रहे हैं .इसलिए वे उनके इस आदेश के नहीं मानेगें और उन्हें जो करना है वे कर लें..वहीं इस शिक्षक के इस स्पष्टीकरण पत्र पर कई अन्य शिक्षक कमेंट्स कर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं और कह रहे हैं कि जो काम केके पाठक के खिलाफ शिक्षक संघ नहीं कर पाई,वह काम एक शिक्षक ने कर दिया है.

जो पत्र सोसल मीडिया पर वायरल हो रहा है.उसमें लिखने वाले शिक्षका का नाम सज्जाद आलम है और वह मुजफ्फरपुर जिले के पारू प्रखंड के कन्या मध्य विद्यालय पारू में शिक्षक हैं.वे गर्मी की छुट्टी में स्कूल नहीं जा रहे हैं,जिसकी वजह से जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है.इस स्पष्टीकरण के जवाब में शिक्षक सज्जाद आलम ने लिखा है कि 28 नवंबर 2023 को बिहार सरकार ने 60 दिन की छुट्टी घोषित की थी,जिसमें 30 दिन की गर्मी छुट्टी भी शामिल हैं.सरकार ने अभी तक इस छुट्टी में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है.ऐसे में 15 अप्रैल से 15 मई तक घोषित गर्मी छुट्टी में शिक्षकों को बुलाना निययों के खिलाफ है.इसलिए वे स्कूल नहीं जा रहे हैं.

अपने स्पष्टीकरण में शिक्षक सज्जाद आलम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखा है कि श्रीमान् से स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि वर्तमान समय में छुट्टी के दिन स्कूल का संचालन करना शिक्षा विभाग के अधिकारियों की हीटलरशाही और शिक्षकों के शोषण को दर्शाता है.शिक्षा विभाग के अलाधिकारियों की मक्कारी को सामने लाने के लिए वर्तमान समय में ग्रीष्मावकाश की छुट्टी पर हूं.जिसकी सूचना पूर्व में ही मेरे द्वारा श्रीमान प्राधानाध्यापक को दी जा चुकी है.जिसकी छायाप्रति इस स्पष्टीकरण में संलग्न कर रहा हूं.यदि ग्रीष्मावकाश की छुट्टी के अवसर पर कोई भी कार्रवाई की जाती है तो मैं आमरण अनशन के लिए विवश रहूंगा,जिसकी क्षति की सारी जवाबदेही श्रीमान की होगी. 

इसके आगे शिक्षक सज्जाद आलम ने लिखा कि श्रीमान के माध्यम से स्पष्ट रूप से शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को कहना चाहता हूं कि अबतक जो भी शिक्षकों की छुट्टी के साथ मनमानी की गई है और शिक्षकों का शोषण किया गया है उसे अविलंब बंद किया जाए और अबतक जो भी छुट्टी की कटौती हुई है,उसे फिर से बहला की जाय.

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