Daesh NewsDarshAd

ज्ञानवापी के सर्वे में मिले चौंकाने वाले चीज, हिंदू पक्ष के वकील ने कहा ASI को और कई ऐसे प्रमाण मिलेंगे

News Image

ज्ञानवापी में ASI सर्वे शुरू हो गया है, सर्वे के तीसरे दिन शनिवार को हिंदू पक्ष की वादिनी महिला और अधिवक्ताओं ने दावा किया कि तहखाने में मूर्तियों और मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष मिले हैं. उनका कहना है कि अभी ASI को ऐसे कई और प्रमाण मिलेंगे, जिनके आधार पर वैज्ञानिक पद्धति से यह स्पष्ट हो जाएगा कि ज्ञानवापी का धार्मिक स्वरुप बदला गया था. 

 जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सर्वे व रिपोर्ट जमा करने से संबंधित ASI की अर्जी स्वीकार कर ली है. जिला जज ने सर्वे रिपोर्ट 2 सितंबर तक जमा करने के आदेश दिए हैं. ASI की तरफ से सर्वे व उसकी रिपोर्ट जमा करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा गया था. शनिवार के सर्वे में मुस्लिम पक्ष व उनके अधिवक्ता भी शामिल हुए. 

कड़ी सुरक्षा के बीच हो रहा है सर्वे

 

ज्ञानवापी परिसर में शनिवार सुबह 8 बजे से सर्वे शुरू हुआ. कड़ी सुरक्षा के बीच ASI की टीम पहुंची और मुख्य परिसर से गुंबद, व्यासजी के तहखाने व अन्य हिस्सों में जाकर जांच की है. तहखाने की सर्वे के दौरान कई अहम साक्ष्य जुटाए गए. मिटटी, ईंट व पत्थर के नमूने भी लिए गए हैं. इसकी मदद से निर्माण का कालखंड व उसकी उम्र का पता लगाया जाएगा. शाम 5 बजे सर्वे खत्म हुआ तो हिंदू व मुस्लिम पक्ष के लोग परिसर से बाहर आए. 

हिंदू पक्ष की तरफ से वादिनी सीता साहू और अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने पत्रकारों से बात की और कहा कि ASI की टीम के साथ ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य सभी हिस्सों में गए थे. नंदी के सामने व्यासजी के तहखाने में मूर्तियों और मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष मिले हैं. तहखाने में स्वस्तिक और कलश जैसी आकृतियां भी दिखी हैं. ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार बगैर किसी सर्वे के गवाही दे रही है. ऐसा लग रहा है कि ज्ञानवापी हिंदू धर्म के प्राचीन शिव मंदिर का एक अभिन्न हिस्सा है. 

IIT कानपुर की मदद लेगी ASI की टीम

ASI की टीम सर्वे में IIT कानपुर की मदद लेगी. सीता साहू और उनके अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने दावा किया है कि ASI की वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित जांच में यह भी स्पष्ट होगा कि ज्ञानवापी के मुख्य गुंबद के नीचे जमीन के भीतर शिवलिंग दबाया गया है. इसके लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार(GPR) तकनीक का सहारा लिया जाएगा. सीता साहू और अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि सर्वे का काम संपन्न होने में समय लगेगा, लेकिन यह पारदर्शी तरीके से स्पष्ट हो जाएगा कि प्राचीन मंदिर को ध्वस्त कर उसके ऊपर मौजूदा इमारत बनाई गई थी. 

थ्री-डी इमेजिंग, फोटो और वीडियोग्राफी

 

हिंदू पक्ष की वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि ASI की टीम ने शनिवार को ज्ञानवापी की मौजूदा इमारत की थ्री-डी इमेजिंग की. इमारत की थ्री-डी इमेजिंग के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट(GNSS) की मदद ली गई. इसके अलावा ज्ञानवापी परिसर के आंतरिक हिस्से की मैपिंग और स्कैनिंग के साथ ही फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का काम जारी रहा. अब तक जांच में किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है. न ही कहीं खुदाई की गई है. ASI की टीम ज्ञानवापी के बाहर और अंदर के एक-एक कोने को देखकर अध्ययन के लिए साक्ष्य जुटा रही है. 

अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि ASI की टीम के साथ हिंदू व मुस्लिम पक्ष के लोग भी ज्ञानवापी स्थित तहखाने में गए थे. वहां साफ-सफाई कराकर पर्याप्त प्रकाश और हवा की व्यवस्था करने के बाद ASI की टीम न मैपिंग, फ्रेमिंग की. ज्ञानवापी के पश्चिमी दीवार के पीछे साक्ष्य एकत्र करने के लिए घास वगैरह की सफाई ASI की टीम ने कराई है. 

सर्वे करने पहुंची 43 सदस्यीय टीम

 

पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि सर्वे के तीसरे दिन ASI की 43 सदस्यीय टीम पहुंची थी. सर्वे का काम आठ बजे शुरू हो गया. नमाज और लंच ब्रेक के कारण दोपहर 12:30 बजे से दो बजे तक सर्वे का काम रुका रहा. इसके बाद सर्वे शुरू हुआ तो शाम तक जारी रहा. 5:15 बजे ASI की टीम ज्ञानवापी से बाहर निकल गई. 

आज भी सर्वे

रविवार को भी सर्वे का काम सुबह 8 बजे से शुरू हो चुका है, जो शाम पांच बजे तक चलता रहेगा. बीच में लंच ब्रेक रहेगा. नमाज के दौरान भी सर्वे का काम रोका जाएगा. विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर चौकसी बरती जा रही है.

DarshAd
Darsh-ad

Scan and join

Description of image