झारखंड विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. तो वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़ा मामला भी चर्चे में है. इसी क्रम में हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से आज भी कोई राहत नहीं मिली. 28 फरवरी को झारखंड हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. बता दें कि, ईडी की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल हेमंत सोरेन की याचिका पर खंडपीठ ने सुनवाई की.
कपिल सिब्बल ने की पैरवी
वहीं, सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने पैरवी की. उन्होंने कहा कि, हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने की कोई वजह नहीं है. उन्होंने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है, जिसके लिए उनके मुवक्किल को पीएमएलए के अपराध में गिरफ्तार किया जाए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हेमंत सोरेन की पैरवी करते हुए कपिल सिब्बल ने खंडपीठ को बताया कि ऐसी कोई वजह नहीं है, जिसके लिए हेमंत सोरेन को पीएमएलए के अपराध का दोषी ठहराया जाए.
हेमंत सोरेन को नहीं मिली राहत
कपिल सिब्बल ने साफ तौर पर कहा कि, जिस मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया है, वह प्रेडिकेट ऑफेंस नहीं है. इसलिए ईडी की कार्रवाई और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी दोनों गैरकानूनी है. ईडी की ओर से कोर्ट में पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कपिल सिब्बल की दलीलों का विरोध किया. उन्होंने कहा कि, कानून का उल्लंघन करके जमीन की खरीद-बिक्री हुई है. हालांकि, हेमंत सोरेन को इस मामले में राहत नहीं मिली.