दिल्ली-NCR सहित पूरे उत्तर भारत में मंगलवार की दोपहर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप के कारण काफी देर तक झटके लगते रहे. भूकंप की तीव्रता इतनी जोरदार थी कि घर और दफ्तरों से निकलकर लोग तुरंत ही सड़कों पर आ गए. बताया जा रहा है कि भूकंप का केद्र नेपाल में था.
बता दें कि भूकंप के झटके आधे घंटे के अंतर से दो बार महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि दिल्ली से उत्तराखंड पूरे उत्तर भारत में धरती कांप गई. उत्तराखंड के खटीमा तक में लोगों ने झटके महसूस किए.
Earthquake of Magnitude:6.2, Occurred on 03-10-2023, 14:51:04 IST, Lat: 29.39 & Long: 81.23, Depth: 5 Km ,Location:Nepal for more information Download the BhooKamp App https://t.co/rBpZF2ctJG @ndmaindia @KirenRijiju @Indiametdept @Dr_Mishra1966 @Ravi_MoES pic.twitter.com/tOduckF0B9
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) October 3, 2023
नेशनल सिस्मोलॉजी सेंटर के मुताबिक भूकंप के झटके दो बार आए. पहला झटका दोपहर 2.25 बजे आया, जिसकी तीव्रता 4.6 थी. इसके करीब आधे घंटे बाद दोपहर 2.51 बजे भूकंप का एक और झटका आया, जिसकी तीव्रता 6.2 थी. भूकंप के इस झटके ने ही लोगों को अपने घरों से बाहर भागने के लिए मजबूर कर दिया.
धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है, और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं.
#WATCH | Earthquake tremors felt across Delhi-NCR. Visuals from Noida Sector 75 in Uttar Pradesh. pic.twitter.com/dABzrVoyVw
— ANI (@ANI) October 3, 2023
क्यों आता है भूकंप
जानें रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्या हो सकता है असर:
- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.
- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.
- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.