अररिया में एक बार फिर मानसून के एक्टिव होने के बाद मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है और नेपाल के पहाड़ी और तराई इलाके में हो रही बारिश से बाढ़ के आसार बढ़ गए हैं. जिला प्रशासन कुछ माह पहले से बाढ़ से निपटने की तैयारी का दावा करती आ रही है, लेकिन सच्चाई आखिरकार सामने आ ही जाती है. दरअसल, प्रशासन के तरफ से तैयारी केवल कागजों पर ही है. फारबिसगंज शहर में जल निकासी का प्रमुख मार्ग सीताधार और सायफन है और इनकी सफाई की मांग होती रही है.
लेकिन, जिला प्रशासन के साथ-साथ नगर परिषद प्रशासन की तरफ से भी किसी तरह की तैयारी नहीं हुई है. सीताधार जलकुंभी से भरा पड़ा है और सफाई नदारद है. ऐसे में यदि परमान सहित अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ता है और शहर में प्रवेश करता है तो 2017 में आई प्रलयंकारी तबाही वाली बाढ़ की संभावना फिर से प्रबल हो सकती है. बता दें कि, मौसम विज्ञान विभाग की ओर से अररिया जिले में 9 अगस्त तक अधिकांश स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना व्यक्त की गई है. साथ ही एक या दो स्थानों पर अत्यंत भारी वर्षापात होने की भी संभावना है.
वहीं, 10 अगस्त से 14 अगस्त तक अररिया जिले के अनेकों स्थान पर वर्षा होने की संभावना को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विज्ञान विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान के आलोक में आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अररिया जिला प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारी पूर्ण कर लेने का दावा किया गया है. साथ ही डीएम इनायत खान ने सभी जिला स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है. साथ ही जिले वासियों से सावधानी बरतने की अपील की है. लेकिन, प्रशासन की तरफ से क्या कुछ कदम उठाये जाते हैं, देखने वाली बात होगी.