असम के मुख्यमंत्री और भाजपा झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंत विस्वा सरमा आज दो दिवसीय सांगठनिक दौरे पर झारखंड पहुंचे। अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार श्री विस्व सरमा ने तोरपा और खूंटी विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता अभिनंदन एवम विजय संकल्प सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री एवम सांसद आदित्य साहू,विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा,कोचे मुंडा,जिला प्रभारी सत्यनारायण सिंह सहित जिला के पदाधिकारी एवम कार्यकर्ता उपस्थित थे। विस्व सरमा ने झारखंड के कार्यकर्ताओं ने तीसरी बार मोदी सरकार बनाने में बड़ा योगदान दिया है। 14में 9लोकसभा सीट पर एन डी ए की जीत हुई है। इसलिए कार्यकर्ता सम्मान का हकदार है।
राहुल बाबा की गणित कमजोर है,99सीट को ऐसा बता रहे जैसे 100में मिला हो। ये तो 543में 99 पाकर खुश हो रहे और 240जीतने वाले भाजपा को उपदेश दे रहे। राहुल गांधी का ज्ञान हमेशा कम ही रहेगा। जनता के आशीर्वाद और कार्यकर्ताओं के परिश्रम से तीसरी बार मोदी सरकार बनी है। पंडित नेहरू के बाद भारत में कोई भी प्रधानमंत्री लगातार तीसरी बार नही बना। तीसरी बार मोदी सरकार बनाने में पूर्वोत्तर भारत जिसमे असम,झारखंड, बिहार,उड़ीसा जैसे राज्य शामिल हैं ने बड़ा योगदान दिया है। सूरज पूरब से उगता है।इसलिए विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड में भी नया सवेरा होगा।
हेमंत सरकार पर बड़ा निशाना साधते हुए राज्य सरकार की नाकामियों ,गठबंधन की जनविरोधी नीति नियत को उजागर किया। हेमंत सोरेन कोई स्वतंत्रता आंदोलन में जेल नही गए थे बल्कि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप में गए थे और आज बेल पर बाहर आए हैं।
ये दलाल ,बिचौलियों से घिरी सरकार है ।जेल से आते ही इनके ही दबाव में चंपई सोरेन को हटा दिया। जबकि वे अच्छा करने की कोशिश कर रहे थे।
हेमंत सोरेन आदिवासी का ढोंग करते हैं लेकिन वे आदिवासी ने नेता नही बल्कि खुद के नेता हैं।उन्हें और किसी दूसरे आदिवासी की भलाई की चिंता नही।
हेमंत जनता से किए सारे वादे भूल गए। प्रतिवर्ष 5लाख नौकरी की जगह एक लाख भी नहीं दे सके। न बेरोजगारी भत्ता दिया। सहायक पुलिस कर्मी धरना पर बैठे हैं, पारा शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं,किसानों का बकाया नही मिला । कानून व्यवस्था ध्वस्त है,बहन बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाएं रोज रोज घट रही। भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है। घुसपैठियों के सरदार पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के घर से करोड़ो रुपए मिले,कांग्रेस सांसद के घर 300करोड़ नकद मिले। यह पैसा लूट का पैसा है।झारखंड के आदिवासी मूलवासी का पैसा है।यह पैसा अगर खजाने में होता तो बेरोजगारी भत्ता मिल जाता।किसानों के कर्ज माफ हो जाते।