नई दिल्ली: देश के बड़े उद्योगपतियों में से एक हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा का मंगलवार को निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और लंदन के एक अस्पताल में भर्ती थे जहाँ उन्होंने अंतिम साँस ली। उनके निधन की पुष्टि उनके परिजनों ने की। परिजनों ने जानकारी दी कि लंबी बीमारी के बाद इलाज के दौरान अस्पताल में गोपीचंद हिंदुजा ने 85 की उम्र में अंतिम सांस ली।
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1940 में अविभाजित भारत के सिंध में जन्मे गोपीचंद परमानंद हिंदुजा ने 1959 से अपने पिता के कारोबार में हाथ बंटाना शुरू कर दिया था। उस वक्त बिजनेस मुंबई से चल रहा था। बिजनेस में उनके तीन अन्य भाई भी शामिल थे। उनके पिता ने अपना बिजनेस मुख्य रूप में ईरान से शुरू की थी जो कि 1979 में ईरानी क्रांति की वजह से लंदन शिफ्ट करनी पड़ी थी। कंपनी को लंदन शिफ्ट करना हिंदुजा ग्रुप के लिए बड़ा अवसर लेकर आया और उन्होंने इसी दौरान अशोक लेलैंड को खरीदा था। गोपीचंद ने अपने ग्रुप को पॉवर और इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़ाया और भारत में बड़े एनर्जी प्लांट्स लगाये। उनका बिजनेस दुनिया के 48 से अधिक देशों में फैला है जो कि बैंकिंग, फाइनेंस, IT, हेल्थकेयर, रियल एस्टेट, मीडिया और साइबर सिक्यूरिटी में काम करती है।
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