देश में एक बार फिर से CAA यानि कि नागरिकता संशोधन कानून सुर्खियों में छा गया है. दरअसल, देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इस कानून को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है. शनिवार को अमित शाह ने कहा कि, दिसंबर, 2019 में संसद द्वारा पारित CAA अधिनियम को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचित और लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस सरकार ने CAA कानून लागू करने का वादा था. जब देश का विभाजन हुआ था तो कांग्रेस ने शरणार्थियों को आश्वासन दिया था कि उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी.' संसद ने दिसंबर, 2019 में CAA को संसद से पारित कराया था. इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.
CAA पर क्या बोले अमित शाह ?
दरअसल, इकोनॉमिक्स टाइम्स नाउ ग्लोबल समिट 2024 में अपने संबोधन के दौरान अमित शाह ने कहा कि, CAA कानून नागरिकता प्रदान करने के लिए लाया गया है, न कि नागरिकता छीनने के लिए, उन्होंने कहा कि, 'हमारे देश में अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से हमारे मुस्लिम समुदाय को उकसाया जा रहा है. CAA किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता क्योंकि कानून में इसका कोई प्रावधान नहीं है. ये बांग्लादेश और पाकिस्तान में प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने वाला एक कानून है.' वहीं, इसके तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले इन समुदाय के लोगों को तुरंत नागरिकता दे दी जाएगी, वहीं उसके बाद या आगे आने वाले लोगों को 6 साल भारत में रहने के बाद नागरिकता मिल सकेगी.
मुस्लिम समुदाय के लोगों का दिखा था आक्रोश
बता दें कि, मुस्लिमों को इस कानून के दायरे से बाहर रखने के लिए CAA की आलोचना होती है. सरकार की पहले इसे NRC के साथ लागू करने की योजना थी और इन दोनों कानूनों के खिलाफ देशभर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे. साथ ही लोकसभा चुनाव को लेकर अमित शाह ने कहा कि, लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अब कोई खास सस्पेंस नहीं बचा है. जो लोग विपक्ष में बैठते हैं उन्हें भी यकीन है कि उन्हें दोबारा दूसरी तरफ बैठना पड़ेगा. आजादी के बाद यह पहला चुनाव होने जा रहा है जो श्रेष्ठ भारत-विकसित भारत के निर्माण की थीम पर आधारित होगा. जहां तक चुनाव के नतीजों का सवाल है, उसमें कोई सस्पेंस नहीं बचा है. जिनके सामने हमे चुनाव लड़ना है, वो भी संसद में आश्वस्त हैं कि इस बार भी उन्हें विपक्ष में ही बैठना है.