बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं स्टेट सिविल सर्विसेज परीक्षा में औरंगाबाद के ओबरा की हुमा इरफान ने 59वां स्थान हासिल कर अपने गांव, प्रखंड और जिले का नाम रोशन किया है. टॉप-10 में चार लड़कियां शामिल है, जिसमें से हुमा भी एक हैं. वह राज्य भर में सफल 799 स्टूडेंट्स में शामिल है. हुमा एसडीएम पद के लिए चयनित हुई हैं. उन्होंने यह सफलता दूसरे प्रयास में हासिल की है. हुमा ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और टीचर्स को दिया है. उन्होंने कहा कि, वह शुरु से ही सिविल सर्विसेज में जाना चाहती थी. इसी वजह से वह दिल्ली में रहकर तैयारी कर रही थी.
UPSC निकालना है लक्ष्य
हुमा ने यह भी बताया कि, अभी बीपीएससी में सफलता मिली है लेकिन उनका लक्ष्य यूपीएससी में सफलता हासिल करना रहा है. आगे इसी लक्ष्य को पाने का प्रयास करेंगी. उन्हें उम्मीद है कि यूपीएससी में भी वह सफलता हासिल करेगी. आगे हुमा ने यह भी कहा कि, मेरे माता-पिता मेरे मार्गदर्शक हैं. उन्होंने पग-पग पर मेरा मार्गदर्शन किया है. हुमा ने कहा कि, मेहनत करने से सफलता जरूर मिलती है. इसलिए स्टूडेंट्स मेहनत करने से नहीं चूके. हुमा की सफलता से उसके माता-पिता बेहद खुश हैं. हुमा के पिता इरफान अंसारी के नेता हैं और ओबरा में मेडिकल स्टोर चलाते हैं जबकि उसकी मां रूबीना इरफान आंगनबाड़ी सेविका हैं.
क्या है हुमा का फैमिली बैकग्राउंड
बता दें कि, हुमा की बड़ी बहन डॉ. रजाला इरफान बीडीएस कर चुकी हैं और वर्तमान में वह हजारीबाग से एमडीएस कर रही हैं. हुमा के पिता इरफान अंसारी ने बेटी की सफलता जाहिर करते हुए कहा कि, उन्होंने अपनी बेटियों को भी बेटा माना है. बेटियों की पढ़ाई पर भी बेटों जैसा ध्यान दिया है. यही वजह है कि, उनकी एक बेटी बीडीएस की पढ़ाई पूरी कर एमडीएस की पढ़ाई कर रही है. दूसरी बेटी ने भी बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर परिवार का गौरव बढ़ाया है. उन्हें पूरी उम्मीद है कि हुमा यूपीएससी भी क्रैक करेगी. हुमा की मां रूबीना ने कहा कि, बेटी ने उनकी उम्मीद और सपने को पूरा किया है. मुझे अपनी बेटी पर गर्व है. वहीं, बहन डॉ. रजाला ने कहा कि, छोटी बहन स्कूल के दिनों से ही मेहनती रही है. यह सफलता उसकी मेहनत का परिणाम है. बहन की सफलता से पूरा परिवार खुश है.
औरंगाबाद से गणेश प्रसाद की रिपोर्ट