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बिहार के सैकड़ों शिक्षकों पर मंडराया नौकरी जाने का खतरा, लिस्ट भी कर दी गई जारी

Hundreds of teachers of Bihar are in danger of losing their

शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक चर्चे में ना रहे ऐसा तो हो ही नहीं सकता है. एक के बाद एक कड़े फरमान और कड़े नियम लागू करने का सिलसिला उनकी ओर से लगातार जारी है. केके पाठक को यदि किसी भी शिक्षक या फिर पदाधिकारी के काम में लापरवाही दिखी है, तो उनकी ओर से कार्रवाई भी की गई है. ऐसे में एक बार फिर से केके पाठक के तेवर गरम दिख रहे हैं और अब सैकड़ों शिक्षक पर कार्रवाई होने वाली है. बता दें कि, इस बार गोपालगंज के 367 अनट्रेंड शिक्षकों के लिए परेशानी पढ़ने वाली है. वहीं, जो मामला है, उसके मुताबिक कहा जा रहा कि, इन सभी शिक्षकों की नौकरी कभी भी जा सकती है. 24 घंटे का दिया समय

दरअसल एक हिंदी वेबसाइट की माने तो, शिक्षा विभाग ने बुधवार को 31 मार्च 2015 के बाद बहाल हुए अप्रशिक्षित शिक्षकों की लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में गोपालगंज के अलग-अलग प्रखंडों के 367 शिक्षक शामिल हैं. वहीं, अब जब लिस्ट सामने आ गया है, तो उसके बाद अब स्थापना के डीपीओ जमालुद्दीन ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश दिया है कि, लिस्ट का अपने स्तर से सत्यापन करते हुए यह आश्वस्त हों लें कि इस लिस्ट के अलावा 2015 के बाद बहाल हुए शिक्षक का नाम छूट गया हो तो 24 घंटे के अंदर डीपीओ कार्यालय को बता दें. नहीं तो जो लिस्ट जारी की गई है, उसे ही अंतिम लिस्ट माना जायेगा और आदेश के अनुसार जो कार्रवाई की प्रक्रिया है, वह शुरु कर दी जायेगी. 

जल्द हो सकती है कार्रवाई

इतना ही नहीं, यह भी कह दिया गया है कि, इसे ही अंतिम लिस्ट मानकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. आगे लिस्ट से अलग कोई शिक्षक मिला तो प्रधानाध्यापक और बीईओ पर कार्रवाई होगी. बता दें कि, पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों से ही जुड़े एक मामले में सुनवाई के बाद दिए गए फैसले में 31 मार्च 2015 के बाद बहाल हुए अप्रशिक्षित शिक्षकों के नियोजन या नियुक्ति को अमान्य करार दिया है. इसके बाद शिक्षा विभाग के मुख्यालय से ऐसे शिक्षकों की सूची तलब की गई जिसके बाद गोपालगंज जिले से 367 शिक्षकों की सूची तैयार की गई है. जारी सूची में सबसे अधिक मांझा प्रखंड में 52 शिक्षक हैं. इसके अलावा कटेया में सात, विजयीपुर में 14, उचकागांव में 22, हथुआ में 50, सिधवलिया में 26, फुलवरिया में 19, थावे में 12, पंचदेवरी में दो, भोरे में 18, कुचायकोट में 24, बरौली में 49, बैकुंठपुर में 48, गोपालगंज में 24 शिक्षक शामिल हैं. अब देखना होगा कि, आखिर कब तक उन शिक्षकों पर कार्रवाई होगी.

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