पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर विपक्षी गठबंधन की चर्चा जोरों पर है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने INDIA अलायंस की बैठक की तारीख निर्धारित की तो विपक्ष के कई दलों ने दूरी बना ली. सपा ने खुलकर अपनी शर्तें रख दी हैं. ऐसे में एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार का नाम आगे किया जाने लगा है. अब नीतीश का बयान आया है. उन्होंने कहा, मुझे अपने लिए व्यक्तिगत कुछ नहीं चाहिए. जैसे आजादी की लड़ाई लड़ी गई, वैसे ही इनसे (बीजेपी) लड़ाई लड़नी है.
नीतीश ने आगे कहा, ये लोग (बीजेपी) पूरा इतिहास बदल रहे हैं. इनके खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा. उन्होंने कहा, खबरें छप रही थीं कि हम बैठक में नहीं जा रहे, हमारी तबीयत खराब थी. अगली बैठक होगी तो हम कहेंगे कि आगे की सभी चीजें तय कर ली जाएं. मैंने शुरू से कहा है कि यह देश के हित में है. मेरी बातें उठती हैं तो मैं साफ करना चाहता हूं कि मुझे कुछ नहीं चाहिए. मैंने काफी सेवा की है.
'अब देर नहीं होना चाहिए'
नीतीश ने कहा, मैं 17 दिसंबर को INDIA गठबंधन की बैठक में होने जाऊंगा. चुनाव में हार-जीत होती रहती है. कांग्रेस को कम वोट नहीं आया है . हमारे नहीं जाने की बात बेकार है. हम अलायंस की बैठक में नहीं जाएंगे, ये संभव ही नहीं है. उन्होंने कहा, हमें कुछ नहीं चाहिए. नीतीश ने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा, अब देर नहीं होनी चाहिए. एकजुट होकर सब लड़ें, यही चाहते हैं. अपर कास्ट में भी गरीबी है. अगर पूरे देश में जाति जनगणना होती तो लाभ होता. विशेष राज्य का दर्जा मिले तो कितना बेहतर होगा.
अब इंडिया ब्लॉक की बैठक 17 दिसंबर को
इससे पहले मंगलवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा, 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए इंडिया ब्लॉक के शीर्ष नेता 17 दिसंबर को बैठक करेंगे. लालू का कहना था कि बुधवार को कई शीर्ष नेताओं के शामिल होने में असमर्थता जताने के कारण इसे टाल दिया गया था. उन्होंने कहा, बैठक अब 17 दिसंबर के लिए पुनर्निर्धारित की गई है. जब लालू से कांग्रेस की हालिया चुनावी हार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि पार्टी कमजोर हुई है. लेकिन उसे मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अपने नेतृत्व पर काम करने की जरूरत हो सकती है.
नीतीश ने कहा था, कांग्रेस चुनाव में व्यस्त है...
अटकलें लगाई जा रही थीं कि लालू के सहयोगी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार बुधवार को बैठक में शामिल होने के लिए तैयार नहीं थे. हाल ही में नीतीश ने एक कार्यक्रम में कांग्रेस को निशाने पर लिया था. उन्होंने कहा था कि आजकल गठबंधन का कोई काम नहीं हो रहा है. कांग्रेस पार्टी इस पर ध्यान नहीं दे रही है. वो 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव मे व्यस्त है. नीतीश ने यह भी कहा था कि हम सबको एकजुट करते हैं. सभी को साथ लेकर चलते हैं. हम लोग सोशलिस्ट हैं. सीपीआई से भी हमारा रिश्ता पुराना है. कम्युनिस्ट और सोशलिस्ट को एक होकर आगे चलना है.
फिर लगने लगे थे नाराजगी के कयास
दरअसल, नीतीश कुमार बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद से विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुट गए थे. उन्होंने अलग अलग राज्यों में जाकर विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की थी. नीतीश 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को साथ लाने में सफल भी हुए थे. इसके बाद नीतीश ने जून में पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, डीएमके, लेफ्ट समेत 15 दल के नेता शामिल हुए थे.
हार के बाद निशाने पर आई कांग्रेस
वहीं, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और मिजोरम के चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद जद (यू) के कई नेताओं ने अपेक्षा किए जाने के आरोप लगाए थे. इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों का कहना था कि कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों को साथ नहीं लिया है. कांग्रेस ने अपने दम पर बीजेपी से लड़ने की कोशिश करके गलती की है.