शेखपुरा: सरकारी नौकरी के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते हैं। तरह तरह की डिग्री लेते हैं, परीक्षाएं देते हैं और तो और कुछ लोग तो गलत तरीके का सहारा भी लेते हैं तब जा कर एक सरकारी नौकरी मिलती है। लेकिन शेखपुरा में एक शिक्षक की सारी हेकड़ी तब निकल गई जब उसने सरकारी नौकरी में खुद को फंसा हुआ बताया। शिक्षक ने इसके साथ ही और भी कई बातें बोली जिसके बाद अब विभाग ने उनके ऊपर कार्रवाई कर दी है। शिक्षक के ऊपर अर्थदंड लगाया गया है।
एक जानकारी के अनुसार शिक्षकों के सतत व्यवसायिक विकास योजना के तहत शिक्षकों की पांच दिवसीय ट्रेनिंग जिलों में स्थित डायट सेंटर में चल रहा है। शेखपुरा में डायट सेंटर में भी शिक्षकों की ट्रेनिंग चल रही है। इसके लिए सभी शिक्षकों को समय से आने का निर्देश विभाग ने जारी किया है। इसी कड़ी में बरबीघा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेउस के शिक्षक अजय कुमार सिंह को भी ट्रेनिंग के लिए जाने का निर्देश मिला। नियमानुसार सभी शिक्षकों को समय से ट्रेनिंग सेंटर पहुंच कर बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी थी लेकिन अजय सिंह को लगातार अनुपस्थित देख जब उनसे इसका कारण पूछा गया तो शिक्षक के आत्मसम्मान को ठेस पहुंच गया और उन्होंने सवाल करने वाले को ही सुना डाला।
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शिक्षक अजय कुमार सिंह ने कहा कि यह कोई सैनिक का प्रशिक्षण नहीं है कि लगातार उपस्थित रहना आवश्यक है। मैं भूलवश इस विभाग में आ गया हूं, सरकार मुझे देती ही क्या है, 40-50 हजार रूपये मात्र। मैं चार पहिया से चलने वाला हूं, मुझे इस विभाग में आना ही नहीं चाहिए था। मैं ऐसी नौकरी को लात मारता हूं। आरोप है कि शिक्षक अजय कुमार सिंह यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने कई और भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया और बहुत बातें बोली। अब शिक्षा विभाग को शिक्षक की बातें नागवार गुजारी और कार्रवाई कर दी। सबसे पहले डायट सेंटर ने शिक्षा से उनके आचरण को लेकर स्पष्टीकरण मांगी गई लेकिन उनके जवाब संतोषप्रद नहीं थे। अब शिक्षक पर ट्रेनिंग में आये खर्च की वसूली का निर्देश जारी किया गया है। यह भी कहा गया है कि शिक्षक अगर इस पैसे का भुगतान नहीं करते हैं तो उनकी सैलरी से राशि काट ली जाएगी।
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