Patna - कई छापेमारी और गहन छानबीन के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने आखिरकार बिहार कैडर के IAS अधिकारी संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव को गिरफ्तार कर लिया. संजीव हंस को रात में ही कोर्ट के समक्ष पेश किया गया और कोर्ट ने उन्हें 11 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. गिरफ्तारी की सूचना पर मीडिया की टीम लगातार ईडी अधिकारियों का पीछा करती रही, लेकिन संजीव हंस को मीडिया के समक्ष ED के अधिकारी ने नहीं लाया और सीधे कोर्ट मे पेश कर बेउर जेल भेज दिया.
IAS अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर आय से अधिक संपत्ति,अवैध संबंध और हवाला से पैसे ट्रांसफर जैसे कई गंभीर आरोप .SUV के चार्ज शीट के अनुसार संजीव हंस मासिक खर्च के लिए 2 लाख रुपये उस महिला को गुलाब यादव और सुनील कुमार सिन्हा के माध्यम से देते थे. ये पैसे उस महिला को संजीव हंस के साथ अवैध संबंध की बात को छिपाने या इस पर चुप्पी साधकर रखने के लिए दिए जाते थे. इतना ही नहीं संजीव हंस ने महिला को लखनऊ में 90 लाख रुपये का एक फ्लैट दिया था.
यह राशि सुनील सिन्हा और उसकी कंपनी मेसर्स एक्स आर्मी मेंस प्रोटेक्शन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और दो अन्य लोगों दिव्य प्रकाश एवं शिव राज ने 7 बार में गायत्री के बैंक खाते में जमा कराई थी. लेकिन मामला तब सामने आया जब संजीव जल संसाधन विभाग से हटकर ऊर्जा विभाग में बतौर प्रधान सचिव और ऊर्जा कंपनियों के सीएमडी के रूप में अपने चेहते लोगों को स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका देने लगे. घूस के रूप में महंगी घड़ियां और गाड़ियां लेने लगे. जिस एजेंसी से स्मार्ट का काम छीन कर दूसरे को दिये थे,उस कंपनी ने इसकी शिकायत की.
इस संबंध में एसवीयू मैं भी जांच पड़ताल की थी. इस जहां से एजेंसी की एफ़आईआर के अनुसार आईएएस संजीव हंस ने प्री पेड मीटर लगाने वाली एक कंपनी को काम देने के बदले घूस के तौर पर मर्सिडिज कार ली थी. संजीव हंस के बिजनेस पार्टनर पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नी अंबिका यादव 2015 से 2022 तक अपने बैंक खाते में 3 करोड़ 8 लाख रुपये जमा कराए थे.