पटना: मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले में पिछले एक वर्ष से जेल में बंद IAS अधिकारी संजीव हंस को पटना उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ उन्हें जमानत दे दिया है। संजीव हंस अब जेल से बाहर आ सकते हैं। हाई कोर्ट ने संजीव हंस को जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं साथ ही हर सुनवाई में उन्हें कोर्ट में उपस्थित रहने का भी आदेश दिया है।
क्या है शर्तें
IAS संजीव हंस को कोर्ट ने जमानत देते वक्त कहा कि वह सुनवाई के दौरान विदेश नहीं जाएंगे साथ ही सभी सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित रहेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि IAS संजीव हंस दिवाली अपने परिवार के साथ मना पाएंगे।
जमानत का आधार
जमानत देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि ED की तरफ से दर्ज FIR में अभी भी कई विसंगतियां हैं जिसके आधार पर आरोपी को न्यायिक हिरासत में रखना न्यायसंगत नहीं होगा। हाई कोर्ट ने कहा कि जिस रूपसपुर थाना 18/2023 के आधार पर ED की ESIR आधारित थी उसे खुद कोर्ट ने पहले ही रद्द कर दिया था। इसके बाद दर्ज ECIR सिर्फ विजिलेंस प्राथमिकी पर आधारित है जो प्रारंभिक जांच के चरण में है। हाई कोर्ट ने कहा कि अब तक ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जिसमें लेनदेन का पता या अपराध से अर्जित धन का उपयोग पता चलता हो।
बता दें कि IAS संजीव हंस अक्टूबर 2024 से अवैध तरीके से अर्जित धन मामले में ED की गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद हैं। उनके ऊपर पद का दुरुपयोग कर अवैध धन अर्जित करने का आरोप है, और अब हाई कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी है।