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ऑल इज वेल तो सीट शेयरिंग पर क्यों नहीं बन रही बात? NDA - महागठबंधन में ये होने वाला है...

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग पर लगातार मंथन चल रहा है. सभी दलों के नेता ऑल इज वेल का दावा कर रहे हैं लेकिन सीट शेयरिंग पर अंतिम मुहर कोई नहीं लगा रहे. कल से नामांकन भी प्रारंभ हो रहा है ऐसे में...

If all is well then why is there no agreement on seat sharin
ऑल इज वेल तो सीट शेयरिंग पर क्यों नहीं बन रही बात? NDA - महागठबंधन में ये होने वाला है...- फोटो : Darsh News

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए शुक्रवार से नामांकन प्रारंभ हो जायेगा लेकिन गुरुवार तक न तो गठबन्धनों में सीट शेयरिंग पर बातचीत तय हो सकी है और न ही पार्टियों में उम्मीदवारों का चयन। एक तरफ भाजपा के शीर्ष नेता पटना से लेकर दिल्ली तक लगातार बैठकें कर रहे हैं और बताया जा रहा है कि बुधवार को भाजपा ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों का पैनल तय कर लिया है जिसपर अंतिम मुहर अब केंद्रीय नेतृत्व लगाएगा। वहीं दूसरी तरफ सीएम नीतीश भी उम्मीदवार चयन को लेकर पार्टी नेताओं के साथ मंथन कर रहे हैं। बुधवार को भी सीएम नीतीश ने कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एक साथ मंत्रणा की तो गुरुवार को भी पार्टी नेताओं के साथ सुबह से बैठक कर रहे हैं। हालाँकि जदयू-भाजपा अपने उम्मीदवारों के नाम का चयन करने में जरुर जुटी हुई है लेकिन NDA में अभी तक सीट शेयरिंग पर सर फुटोव्वल चल ही रहा है। NDA में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा तीनो ही अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। 

नहीं मान रहे मांझी-चिराग, कुशवाहा भी तो...

सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि चिराग पासवान कम से कम 30 सीटों की मांग पर अड़े हैं तो उपेंद्र कुशवाहा भी अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तो खुलेआम कह दिया है कि 'देना है तो आधा दो, उसमें भी यदि बाधा हो तो देदो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम'। यानि जीतन राम मांझी कम से कम 15 सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं। एक तरफ चिराग पासवान लोकसभा चुनाव में अपनी स्ट्राइक रेट को आधार बना कर भाजपा पर दबाव बना रहे हैं तो जीतन राम मांझी का कहना है कि 10 वर्ष पुरानी पार्टी होने के बावजूद हमारी पार्टी को मान्यता नहीं मिली और इस चुनाव में हम हर हाल में मान्यता ले कर रहेंगे। अपने सहयोगी दलों के नेता को भी मनाने के लिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व लगातार मेहनत कर रहा है।

चल रही चिराग की पार्टी की आपात बैठक

NDA में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनने की स्थिति में चिराग की पार्टी लोजपा(रा) भी आज राजधानी पटना में आपात बैठक कर रही है। बिहार चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी पार्टी के सांसदों, सभी अध्यक्षों समेत अन्य शीर्ष नेताओं के साथ मंथन कर रहे हैं। हालाँकि इस बैठक में केंद्रीय मंत्री एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान शामिल नहीं हो रहे हैं। उनसे जब इस बैठक के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने सीट शेयरिंग पर कुछ भी कहने से बचते हुए कहा कि मैं केंद्र में मंत्री हूं तो मेरी बहुत सारी जिम्मेवारी है, मैं वह देख रहा हूं। बैठक में बिहार के चुनाव प्रभारी पार्टी नेताओं के साथ चर्चा कर रहे हैं और अंतिम निर्णय पार्टी के बिहार चुनाव प्रभारी ही लेंगे।

महागठबंधन के दावे बड़े पर निर्णय अधर में..

इधर महागठबंधन में भी सभी सहयोगी दलों के नेता लगातार सब कुछ ठीक है का दावा तो जरुर कर रहे हैं लेकिन इस बीच ताबड़तोड़ बैठक भी कर रहे हैं। बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई जिसमें उम्मीदवारों के चयन पर अंतिम मुहर लगाई गई। इधर अब बताया जा रहा है कि गुरुवार की शाम सदाकत आश्रम में कांग्रेस के कई वरीय नेता एक साथ बैठेंगे। बैठक में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जयराम रमेश, भूपेश बघेल, अधीर रंजन चौधरी, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू, राजेश राम, शकील अहमद खान, मदन मोहन झा, अखिलेश प्रसाद सिंह समेत अन्य नेता शामिल होंगे। बैठक के बाद कांग्रेस के नेता लालू यादव से भी मुलाकात करेंगे और उम्मीद है कि शुक्रवार को महागठबंधन के नेता सीट शेयरिंग पर अंतिम घोषणा कर सकते हैं। 

देखना है क्या होता है

हालाँकि महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग पर बात तय करना इतना आसान नहीं दिख रहा है क्योंकि VIP अब 60 सीट की मांग से कम हो कर 20 सीट पर तो मान गई है लेकिन डिप्टी सीएम के पद पर लगातार दावा ठोक रही है उधर कांग्रेस का कहना है कि जिसकी जैसी क्षमता होगी, जिसके पास जितनी संख्याबल होगी उसे वैसा ही नेतृत्व मिलेगा। मतलब साफ है कि कांग्रेस सीएम और डिप्टी सीएम फेस पर अभी भी पेंच फंसा कर रख रही है। हालाँकि अब देखना है कि NDA हो या महागठबंधन, यह सीट शेयरिंग का पेंच कब तक सुलझता है। कहीं ऐसा तो नही कि गठबंधन का गांठ ही टूट जाये और दल इधर से उधर हो जाये।

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