Daesh NewsDarshAd

प्रकृति का मधुर संगीत सुनना है तो चले आइए मांझर कुंड, अद्भुत नजारे का मजा भी लीजिये

News Image

सासाराम के कैमूर पहाड़ी पर स्थित मांझर कुंड अपनी मनोरम सुंदरता के लिए दूर-दूर तक विख्यात है. बरसात के मौसम के आगमन के साथ ही पर्यटकों की यहां भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है. मांझर कुंड सदियों से प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है. मांझर कुंड आकर लोग प्रकृति के मधुर ध्वनियों को करीब से सुन पाते हैं. पहाड़ों से कल-कल करते गिरते हुए पानी को निहारना अद्भुत रोमांच एहसास देता है. 

विंध्याचल रेंज के कैमूर पर्वत श्रृंखला में सवा तीन किमी की परिधि में अवस्थित मांझर कुंड राज्य के रमणीक स्थानों में महत्व रखता है. पहाड़ियों पर काव एवं कुदरा नदी का संयुक्त पानी एक धारा बना कर टेढ़े-मेढ़े रास्तों से गुजरते हुए मांझर कुंड के जलप्रपात में इकट्ठा होता है. ऊपर से बहने वाला पानी झरना के रूप में जमीन पर गिरता है. ये प्राकृतिक छटा आंखों को सुकून देती है. इस जलप्रपात को महसूस करने के लिए रोहतास जिले के साथ ही कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद और पटना के अलावे देश के अन्य राज्यों से भी पर्यटक पहुंचते हैं.

पूर्व काल में सिख समुदाय के लोग सपरिवार तीन दिनों तक मांझर कुंड पर प्रवास करते थे. इस मौके पर बिहार के अलावा देश के अन्य राज्यों से भी सैलानी पहुंचते और पिकनिक मनाते हैं. कई लोग आस-पास के पहाड़ी पर अपने मन पसंद का भोजन पका कर लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं तो कुछ लोग खाने-पीने का रेडीमेड समान भी लेकर जाते हैं. धीरे-धीरे यह मौका धार्मिक बंधनों को तोड़कर आम लोगों के लिए पिकनिक स्थल बनता चला गया. अब और बड़ी संख्या में पर्यटक जुटने लगे हैं. 

रोहतास जिले के अलावा अन्य जगहों से लोग हाथ में बर्तन, गैस चूल्हा व अन्य सामान के साथ बाइक व चारपहिया वाहन से मांझर कुंड जलप्रपात के पास पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. हर साल सावन पूर्णिमा के बाद पड़ने वाले रविवार को 50 हजार से ज्यादा संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं. जहां पिकनिक के रूप में मुर्गा, भात और पकवान का मजा लेते हैं.

DarshAd
Darsh-ad

Scan and join

Description of image