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20 वर्षों में फेसबुक ने दुनिया के हर घर में बनाई जगह, अब 2044 तक के लिए सेट किया टारगेट

In 20 years, Facebook has made a place in every house in the

आज के समय को देखें तो हर कोई स्मार्टफोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं. कई घंटों तक लोग अपने जिंदगी के अहम समय को इंटरनेट पर बिताते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट के जरिए अपने दोस्तों से बात करते हैं. लेकिन, इन सब में लोगों के बीच सबसे पॉपुलर प्लेटफॉर्म फेसबुक ने एक खास जगह बनाई. 4 फरवरी को ही फेसबुक ने अपने 20 वर्ष पूरे किए. तो आइये फेसबुक से जुड़े कुछ खास बातों को आज जानते हैं...  

3 दोस्तों के साथ मार्क जुकरबर्ग ने किया था शुरु

आज से 20 साल पहले 4 फरवरी, 2004 को मार्क जुकरबर्ग ने हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में अपने साथ पढ़ने वाले 3 दोस्तों के साथ मिलकर फेसबुक को लॉन्च किया था. तब उन्होंने दुनिया को फ्रेंड्स और लाइक को गिनते रहने का एक नया गणित दिया. दुनिया के इस दिग्गज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बारे में ज्यादातर लोगों को यह बात पता नहीं होगी कि फेसबुक की शुरुआत 2004 में ही हो गई थी, जब दुनिया के ज्यादातर यूजर्स स्मार्टफोन और इंटरनेट जैसी चीज का नाम भी नहीं जानते थे. फेसबुक की मदद से दुनिया भर के यूजर्स अपनी जीवन की हर एक्टिविटी को दूसरों के साथ साझा करते हैं. धीरे-धीरे कई नए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आए लेकिन फेसबुक की जगह कोई नहीं ले पाया.

 20 सालों में देखे कई उतार-चढाव

फेसबुक ने पिछले 20 सालों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन फिर भी इसके मालिक मार्क जुकरबर्ग ने अपने इस प्लेटफॉर्म को लगातार आगे बढ़ाया और पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. बता दें कि, 2004 में फेसबुक का नाम 'द फेसबुक' था. उस वक्त तक अपनी फोटो शेयर करना और अपने दोस्तों को टैग करने वाला कोई प्लेटफॉर्म नहीं था. ऐसे में फेसबुक ने फोटो शेयरिंग और टैगिंग की सुविधा शुरू करके इस प्लेटफॉर्म को लॉन्च के वक्त से काफी अलग और खास बना दिया था. फेसबुक ने लॉन्च होने के बाद कुछ ही वक्त में काफी लोकप्रियता हासिल कर ली थी. लॉन्च होने के सिर्फ एक साल बाद ही 10 लाख लोग फेसबुक फैमिली का हिस्सा बन चुके थे. इसके आगे के करीब 8 सालों में फेसबुक की लोकप्रियता 1000 गुना बढ़ गई और 2012 तक 1 अरब लोग फेसबुक फैमिली का हिस्सा बन चुके थे.

विकसित देश अमेरिका से हुई थी शुरुआत 

फेसबुक की शुरुआत एक विकसित देश अमेरिका से हुई थी, लेकिन इसकी लोकप्रियता विकासशील और अविकसित देशों तक में भी पहुंची. जिन देशों में इंटरनेट या एंटरटेनमेंट की ज्यादा सुविधाएं नहीं थी, फेसबुक ने वहां भी अपनी पहचान बनाई. फेसबुक ऐसा पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म था, जिनसे यूजर्स को पर्सनलाइज़्ड अनुभव देना शुरू किया था. यूजर्स को एक नई तरह की चीज इस्तेमाल करने का मौका मिला था, और उन्हें काफी मजा आ रहा था. फेसबुक के जरिए लोगों को अपने सालों पुराने दोस्तों से फिर से मिलने का मौका मिला, जिनका फोन नंबर या एड्रेस भी उनके पास नहीं था. फेसबुक के जरिए आप अपने दोस्तों के जन्मदिन, उनके डेली एक्टिविटीज़, उनके जीवन के खास अपडेट के बारे में जानकारी पता कर सकते हैं.

हालांकि, उसके बाद फेसबुक के सामने लोगों की प्राइवेसी को खतरे में लाने की समस्या आई, लेकिन फेसबुक ने कई प्राइवेसी फीचर लाकर उस समस्या को भी दूर कर दिया. फेसबुक के शुरुआती दौर में लोगों को कॉल करने के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ते थे. मैसेज करना भी फ्री नहीं था, लेकिन फेसबुक के जरिए लोगों को इंटरनेट का यूज करके फ्री में लोगों से मैसेज करके बातचीत करने का एक जरिया मिला. धीरे-धीरे फेसबुक लोगों को अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए एक अच्छा प्लेटफॉर्म लगने लगा. फेसबुक ने भी यूजर्स की डिमांड को समझा और बिजनेसमैन के लिए एडवरटाइज़मेंट के कई नए फीचर्स लॉन्च किए. बिजनेस बड़ा हो या बेहद छोटा, यूजर्स फेसबुक पर प्रचार करके अपना बिजनेस बढ़ा सकते हैं. बिजनेसमैन के बाद पॉलिटिशन्स ने भी अपने प्रचार-प्रसार के लिए फेसबुक का सहारा लेना शुरू किया और उन्हें इसका फायदा भी मिला.

2021 में मार्क जुकरबर्ग ने बदला नाम 

फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने साल 2021 में ऐलान किया था कि वह अपनी कंपनी का नाम बदलकर मेटा प्लेटफॉर्म इंक कर रहे हैं. उन्होंने मेटा को एक Virtual environment का रूप दे दिया है. कंपनी ने नाम बदलने के साथ फेसबुक के लोगो को भी बदल दिया था. नया लोगो इनफिनिटी शेप में डिजाइन किया गया है. जो कि थोड़ा तिरछा, लगभग एक Pretzel की तरह है.

फेसबुक के साइड इफेक्ट भी दिखें

इन 20 सालों में फेसबुक ने बेतहाशा वृद्धि तो की लेकिन इसके कुछ नुकसान भी देखने के लिए मिले. जैसे कि, फेसबुक समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए फेक न्यूज़ यानी गलत खबर काफी जल्दी फैल जाती है, जिसका समाज में काफी नुकसान होता है. फेसबुक का इस्तेमाल करके लोगों ने धोखाधड़ी करनी भी शुरू कर दी. ऐसे लोग अपना फेक यानी नकली प्रोफाइल बनाकर या किसी अन्य वक्ति के नाम से नकली प्रोफाइल बनाकर उनके दोस्तों या रिश्तेदारों से पैसे ठगने का काम करते हैं. हालांकि, फेसबुक यूजर्स को इन नुकसानों से बचने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, और उम्मीद है कि आने वाले समय में हमें इन समस्याओं से पूरी तरह निजात मिल सकेगी.

आगे क्या कुछ है फेसबुक की प्लैनिंग ?

वहीं, बात करें आगे के कुछ सालों में फेसबुक के होने वाले बदलाव या फिर फेसबुक से की जा रही उम्मीदों की तो, जैसा कि आप सभी जानते हैं कु, अब फेसबुक मेटा कंपनी के अंदर में आता है. मेटा के अंदर में फेसबुक के साथ-साथ इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप भी आती है. फेसबुक अगले 20 सालों में पिछले 20 सालों की तुलना में कई गुना ज्यादा बदल जाएगा. विशेषज्ञों की माने तो, फेसबुक में सबसे बड़ा बदलाव एआई यानी आर्टिफिशल टेक्नोलॉजी से जुड़ा होगा. एआई काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है और विकसित भी होता जा रहा है. ऐसे में फेसबुक में एआई के कई खास फीचर्स आ सकते हैं, जिससे यूजर्स का एकपीरियंस काफी ज्यादा एडवांस हो सकता है, जिसकी हम इस वक्त कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. तो कुल मिलाकर देखें तो इन 20 सालों में फेसबुक ने एक अहम भूमिका निभाई है. आज के जमाने में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसका फेसबुक अकाउंट ना हो. तो वहीं, आगे के कुछ सालों के लिए फेसबुक ने प्लैनिंग भी कर ली है.

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