PATNA- बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षक नियुक्ति भर्ती में बिहारियों का हक दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों ने छीन ली है... ये आरोप बिहार के काफी संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद से ही लगा रहे हैं पर इससे संबंधित बिहार लोक सेवा आयोग का एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. यह पत्र सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग ने आवेदक को भेजी है. इस पत्र में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा दिए गए आंकड़ों को अगर सही माने, तो भर्ती में सामान्य कैटेगरी में बिहारी से ज्यादा दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को नौकरी मिली है.
इस पत्र के अनुसार BPSC TRE-1 में प्राथमिक स्कूलों में सामान्य केटेगरी के 7949 पुरुष और 17795 महिला यानी कुल 25744 अभ्यर्थियों को नौकरी मिली है. इनमें से 3909 पुरुष और 10112 महिलाएं यानी कुल 14021 अभ्यर्थी बिहार से बाहर दूसरे राज्यों के है. यानी आधे से ज्यादा सीटों पर दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को नौकरी मिली है.
इस पत्र के वायरल होने के बाद शिक्षक अभ्यर्थी लगातार बिहार सरकार पर निशाना साध रहे हैं, और कह रहे हैं कि बिहार की सभी राजनीतिक दल के नेता लाखों की संख्या में नौकरी देने का दावा कर रहे हैं, पर हकीकत है कि नौकरी के नाम पर बिहारियों के साथ बड़े-बड़े खेल किए गए हैं.
बताते चलें कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले चरण में डोमिसाइल नीति के तहत परीक्षा ली जानी थी,पर बाद में नीतीश तेजस्वी की सरकार ने डोमिसाइल नीति को खत्म कर दिया था जिसकी वजह से दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी बड़ी संख्या में इस परीक्षा में शामिल हुए थे और उन्हें नौकरी भी मिली थी. दूसरे राज्यों से आकर बिहार में नौकरी करने वाले शिक्षक यहां की सरकार की तारीफ कर रहे हैं तो बिहार के युवा और युवती सरकार की इस नीति को अपने लिए अभिशाप मान रहे हैं.