आज सावन की तीसरी सोमवारी है और इस मौके पर पूरे देश भर के अलग-अलग मंदिरों में खूब भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में पटना के 400 साल पुराने गौरी शंकर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है. कहा जाता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से जो भी माँगा जाये वो मिल जाता है. इस मंदिर में पूजा करने के लिए भक्तों की लंबी कतार लगती है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि ये मंदिर प्राचीन काल का है. करीब 400 वर्ष पुराने इस मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि अंग्रेजों ने भी इस मंदिर को ध्वस्त करने की पुरजोर कोशिश की थी लेकिन ये मंदिर नहीं तोड़ पाए. जब आप मंदिर के अंदर प्रवेश करेंगे तो देखेंगे जो अंदर शिवलिंग है वह थोडा खंडित नज़र आएगा. इस मंदिर को चमत्कारी माना जाता है और कहा जाता है कि सावन में यहाँ जो भी शिव पारवती की आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
पटना के गायघाट स्थित गौरी शंकर मंदिर को लेकर मान्यता है कि यह कोई आम मंदिर नहीं, बल्कि शक्तिपीठ मंदिर है. मंदिर के प्रधान पुजारी जितेंद्र शास्त्री बताते हैं कि जिस शिवलिंग की यहां पूजा की जाती है. वह प्रतिमा किसी के द्वारा स्थापित नहीं की गई, बल्कि खुद-ब-खुद जमीन से प्रकट हुई थी. शिव भक्तों का कहना है कि मंदिर में आस्था इतनी है कि बचपन से ही वो भोले बाबा के दरबार में आते है. अधिकांश धार्मिक अनुष्ठान व भंडारा का प्रसाद ग्रहण करने के लिए शामिल होते है. नंदी महाराज की प्रतिमा को तेल मालिश करते हुए सुभाष बाबा ने बताया कि यहां स्थित नंदी महाराज के कान में अपनी इच्छा प्रकट करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. सोमवारी के दिन मंदिर के बाहर सावन का सोमवारी मेला लगता है. जिसमें दूर- दराज से भारी संख्या मेंभक्त दर्शन पूजन के लिए यहां पहुंचते हैं.