शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जब से शिक्षा विभाग की कमान संभाली थी, तब से शिक्षा विभाग से जुड़ा किसी ना किसी तरह का मुद्दा गरमाया रहा जो अब भी कायम है. हालांकि, अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले हैं. लेकिन, जो विवाद है वह थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. इसी क्रम में शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच का विवाद तो जैसे थमने का नाम ही नहीं ले रहा. दोनों के बीच तकरार बढती ही जा रही है. दरअसल, बुधवार को दोनों की ओर से यानि कि शिक्षा विभाग और राजभवन ने पत्र जारी किया था. शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की बैठक 9 मार्च को बुलाई.
राजभवन ने भी जारी किया लेटर
लेकिन, इसके ठीक बाद ही राजभवन ने भी पत्र जारी किया जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि, कुलपति बिना कुलाधिपति से अनुमति लिए मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे. आपको याद दिला दें कि, इसके पहले 28 फरवरी को विभाग ने सभी कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें इन सभी को शामिल होने से राजभवन ने रोक लगा दी थी. वहीं, बैठक में शामिल नहीं होने के कारण बाद में शिक्षा विभाग ने उक्त पदाधिकारियों का वेतन बंद कर यूनिवर्सिटी के बैंक खातों के संचालन पर भी रोक लगा दी थी. वहीं, बुधवार को विभाग ने जारी पत्र में कहा है कि, अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में 9 मार्च को विश्वविद्यालयों में लंबित परीक्षाओं और चालू परीक्षा की समयबद्धता की स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक होगी. बता दें कि, इसे लेकर उप निदेशक दीपक कुमार सिंह ने यह पत्र सभी कुलपतियों को भेजा है.
9 मार्च को होगी बैठक
इधर, राज्यपाल के प्रधान सचिव चोंग्थू ने सभी वीसी को पत्र भेजा है कि, विवि के पदाधिकारी, शिक्षक और कर्मी सक्षम प्राधिकार से अनुमति बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे. अनुमति लिखित या टेलीफोन पर ली जाएगी. साथ ही वीसी के मामले में सक्षम प्राधिकार कुलाधिपति हैं. आदेश का पालन नहीं करनेवालों पर कार्रवाई होगी. हालांकि, आपको यह भी बता दें कि, शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों एवं परीक्षा नियंत्रकों के वेतन बंद करने और विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन पर लगी रोक को फिलहाल के लिए हटा दिया है. विभाग ने कुलपतियों को लिखे पत्र में यह स्पष्ट किया है कि, यह रोक अस्थायी रूप से हटाई गई है. 9 मार्च को विभाग में होने वाली सभी कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों के भाग लेने की प्रत्याशा में वेतन पर लगी रोक के आदेश को तत्काल स्थगित रखा गया है. इस तरह से देखा जाए तो राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच पूरी तरह से ठन गई है. अब देखना होगा कि, 9 मार्च को मीटिंग में क्या कुछ होता है.