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भारतीय मजदूर संघ ने झारखंड प्रदेश का प्रतिनिधि मंडल, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को सौंपा ज्ञापन ...

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राज्यपाल से भेंट करने वाले प्रतिनिधि मंडल में भारतीय मजदूर संघ झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष श्री बलिराम यादव, महामंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, संगठन मंत्री श्री ब्रजेश कुमार, वित्त सचिव श्री चंदन प्रसाद जी थे निम्मलिखित मुद्दे उठाए गए जैसे HECL ( Heavy Engineering Corporation Limited)

1.गत 24 मास से यहाँ कार्यरत स्थायी – अस्थायी कर्मचारियों और इंजीनियरों को वेतन नहीं मिला है, उसे अति शीघ्र दिया जाए I

2. राज्य का सबसे महत्वपूर्ण उद्योग (उद्योगों की माँ) होने के नाते इसे पुनरुद्धार धन राशि (Revival Package) दिया जाय I

3. पूर्कालिक मुख्य प्रबंध निदेशक ( Full fledged Chief managing director) दिया जाए I

coal, Cell & Others mines

1. आयरन ओरे किरीबुरू, मेघातुबुरु , चिड़िया और गुआ के माइंस के लिए लीज पर आगे जमीन न मिलाने से वहां ठेका पर काम करने वाले मजदूरों के रोजगार की समस्या खड़ी हो गई हैं I लीज की समस्या को समाप्त कर मजदूरों की रोजगार की समस्या को हल किया जाए साथ ही उद्योग और माइंस को बचाया जाए I

2. कोयला, बाँक्साइड, कॉपर के माइंस के लिए लीज पर जमीन उपलब्ध कराकर इन उद्योग और उसमें कार्यरत मजदूरों की रोजगार सुरक्षित किया जाए I

 असंगठित क्षेत्र

1. BOC कल्याण बोर्ड में constraction worker के कल्याण हेतु भवन निर्माण के लागत से श्रमिक सेस द्वारा बोर्ड में फंड जुटाने का प्राब्धान है I भारत में, 10 लाख रुपये तक की लागत से बने मकान पर 1% श्रम सेस लिया जाता थाI जिससे बोर्ड में पर्याप्त फंड रहता था I जिसे भारत सरकार ने कानून में यह प्राब्धान कर दिया कि 50 लाख रुपये और उससे ऊपर की लागत से बने मकान पर ही 1% श्रम सेस लिया जा सकता है I 50 लाख रुपये से कम लागत से बने मकान पर श्रम सेस समाप्त कर देने से BOC कल्याण बोर्ड का फंड कम हो गया है I इसके कारण से पर्याप्त फंड नहीं जुट पाने से constraction worker की आर्थिक व सामाजिक सहयोग नहीं हो पा रहा है I अतः पुराने श्रम सेस व्यवस्था डी जाए I

2. सहिया बहनों को प्रोत्साहन राशि के नाम पर मात्र 2000 रुपये दिए जाते है I कृपया उनका प्रोत्साहन बढाकर 5000 किया जाएI

 3. झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने सेविका और सहायिका के मानदेय एवं पोषाहार की राशि महीने के 5 तारीख तक उनके खाते में आने चाहिए।

4 . आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय की वार्षिक वृद्धि सेविका का 500 और सहायिका 250 को 1000 और ₹500 मध्य प्रदेश की तर्ज पर किया जाए।

5. उम्र की बाध्यता को समाप्त

     कर 50% आंगनबाड़ी

   सेविकाओं को पर्यवेक्षक और सहायिकाओं को सेविका पद पर नियुक्ति किया जाए।

6. उडीसा, मध्य प्रदेश और

   छत्तीसगढ़ की तर्ज पर सेविकाओं को रिटायरमेंट के बाद 5 लाख और सहायिकाओं को रिटायरमेंट के बाद ढाई लाख रुपये एक मुश्त दिया जाए।

7. पोषण ट्रैक्टर में काम करने हेतु सेविका को मोबाइल खरीदने के लिए 20000 और रिचार्ज करने के लिए प्रति माह ₹300 दिया जाए।

8. आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं को ग्रेजुएटी देने सेविका सहायिकाओं की गर्मी छुट्टी जो रद्द कर दी गई थी उसे पुनः बहाल किया जाए।

9. BLO के कार्य से मुक्ति किया जाए।

10. पिछले दो वर्षों से लंबित आंगनवाड़ी कार्यालय भवन का किराया अति शीघ्र दिया जाए।

को-आपरेटिव 

झारखण्ड राज्य सहकारी बैंक प्रदेश की एक महत्वपूर्ण वित्तीय संस्था है। बैंक में कर्मचारिओं के लिए विस्तृत सेवा संहिता, स्थानांतरण नीति, का निर्माण हो। साथ ही banking regulation (Amendment) Ordinance, 2020 के Section -10A, के अंतर्गत बैंक के निदेशक मंडल में न्यूनतम 50% प्रोफेशनल निदेशक के मानदंड को लागु किया जाय।

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