बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है और आज भी सदन के अंदर और बाहर जमकर प्रदर्शन देखने के लिए मिला. खास कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मंगलवार को सदन में दिए गए बयान को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने बयानों को लेकर माफी मांग ली है लेकिन इसके बावजूद विपक्ष का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल, आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष प्रश्न काल के दौरान बीजेपी की ओर से सीएम नीतीश के विवादित बयान का मुद्दा ही उठाया गया. जिसके बाद सदन में जमकर बवाल हो गया. जिसके बाद 2 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
स्पीकर ने दिया नाम नोट करने का आदेश
बता दें कि, सदन में अपने बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार माफी मांग रहे थे. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, मैं अपनी निंदा करता हूं. मैं इसके लिए दुख प्रकट कर रहा हूं. इसके साथ ही उन्होंने सभी से माफी भी मांगी. जिस पर विधानसभा स्पीकर ने कहा कि, यह तो आपका बड़प्पन है. कोई भी मुख्यमंत्री खुद का इस तरह से निंदा नहीं करते हैं. इस दौरान लगातार सदन में विपक्ष की ओर से हंगामा होता रहा. जिसके बाद स्पीकर गुस्से से आग-बबूला हो गए. जिसके बाद उन्होंने कहा कि, जो कोई भी सदस्य टेबल और कुर्सी उठाता है, उसका नाम नोट कीजिये. नियमानुसार मैं उसे सदन से निकालूंगा. आप लोग जनता का काम नहीं कर रहे हैं, यही मैसेज जा रहा है.
विजय सिन्हा ने मुख्यमंत्री को बताया मेंटल
बता दें कि, प्रश्न काल के दौरान विजय सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मेंटल बता दिया. विजय सिन्हा ने सदन के अंदर कहा कि, सदन की गरिमा बरकरार रहे. लेकिन, सीएम नीतीश ने जो वक्तव्य दिया, उससे सत्ता पक्ष के भी महिलाओं का सर शर्म से झुक गया. सीएम नीतीश को इस्तीफा दे देना चाहिए, वह मेंटल हो चुके हैं. एक मेंटल मुख्यमंत्री सीएम की कुर्सी नहीं संभाल सकते हैं. हालांकि, इसके बाद सदन में लगातार हंगामा जारी रहा, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा.