शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बिहार के ऐसे अधिकारी में शुमार हो गए हैं जिन्हें अब तो बच्चा-बच्चा जानने लगा है. पिछले दिनों से लगातार उनके फरमानों ने तहलका मचा दिया है. सड़क से लेकर सदन तक चर्चे सिर्फ और सिर्फ केके पाठक के ही हो रहे हैं. एक तरफ जहां सदन में बिहार के मुखिया नीतीश कुमार केके पाठक की तारीफ करते देखे जाते हैं तो वहीं दूसरी ओर कई विधायक केके पाठक के काम की आलोचना कर रहे हैं. लेकिन, कहीं ना कहीं ऐसा कहा जा रहा कि अब केके पाठक की मुश्किलें बढने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि, केके पाठक के तथाकथित अमर्यादित टिप्पणी वाले पेन ड्राइव का मुद्दा बुधवार को बिहार विधान परिषद में जमकर उछाला गया. विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष से संजय मयूख और संजीव कुमार सिंह सहित सभी विपक्षी सदस्यों ने एक साथ केके पाठक का मामला उठाया.
देवेश चंद्र ठाकुर ने मामले में लिया संज्ञान
बता दें कि, उन्होंने सदन में एक पेन ड्राइव दिखाते हुए उसे सार्वजनिक करने की मांग की. हालांकि, विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने वीडियो को सार्वजनिक रूप से चलाने से इंकार कर दिया. बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने केके पाठक के वायरल वीडियो में अभद्र व्यवहार और बातचीत को संज्ञान में लिया. विधान परिषद की कार्यवाही में वीडियो ना देखने के साथ अपने चेंबर में वीडियो देखने की मांग की. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने सदन में वीडियो ना टेलीकास्ट करने की बात रखी थी. इस पर बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर ने केके पाठक के लिए एक जांच समिति का गठन किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग अपर मुख्य सचिव केके पाठक के वीडियो में अगर अपशब्द या कोई गलती या अमर्यादित बात हुई होगी तो कार्रवाई होगी.
सदन की पहली पाली में उठाया मुद्दा
वहीं, बुधवार को सदन में केके पाठक को लेकर क्या कुछ वाकया हुआ, उसे एक बार फिर से याद दिला देते हैं. दरअसल, बुधवार को सदन की पहली पाली की कार्यवाही में भाजपा के संजय मयूख ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि, स्कूलों के समय परिवर्तन का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को निर्देश दिया था. इस संबंध में मंगलवार की शाम शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से अधिकारियों की बैठक ली. इस बैठक में उन्होंने अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया. यह शिक्षकों का अपमान है. अन्य सदस्यों ने केके पाठक पर कार्रवाई की मांग की.
संजय मयूख ने जोर-शोर से उठाया मुद्दा
इस दौरान एक पेन ड्राइव दिखाते हुये भाजपा के संजय मयूख ने कहा कि, केके पाठक के तथाकथित वक्तव्य का वीडियो इसमें है, इसे सदन में सार्वजनिक किया जाये. इसे उन्होंने सदन को दे दिया. संजीव कुमार सिंह ने इसका समर्थन किया. साथ ही उपसभापति राजद के रामचंद्र पूर्वे ने शिक्षकों का अपमान बताते हुये केके पाठक पर कार्रवाई की मांग की. इस दौरान महेश्वर सिंह, प्रो संजय कुमार सिंह, सैयद शाहनवाज हुसैन, जीवन कुमार, हरि सहनी, रीना देवी ने अपर मुख्य सचिव केके पाठक के वक्तव्य की आलोचना की. जदयू के गुलाम गौस ने केके पाठक को मानसिक रोगी बताया. वहीं भाजपा के राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने एक मेडिकल बोर्ड गठित कर केके पाठक की मानसिक अवस्था की जांच करने की मांग की.
शिक्षा मंत्री ने किया हस्तक्षेप
वहीं, इस मामले में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि, आसन उस वीडियो को देख लें और सरकार को इससे अवगत करवा दें, बाकी आगे की कार्रवाई होगी. सदन में वीडियो चलाकर गलत परंपरा की शुरुआत नहीं होनी चाहिये. कोई भी सदस्य अन्य पेन ड्राइव लाकर साक्ष्य के रूप में उसे सदन में चलाने की मांग करने लगेगा. सभी सदस्यों को आसन पर भरोसा होना चाहिये. उन्होंने कहा कि विधानसभा में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि स्कूलों में पढ़ाई सुबह 10 बजे से चार बजे तक होगी. पौने दस बजे तक स्कूलों में शिक्षक आ जाएंगे. तो कुल मिलाकर देखा जाए तो केके पाठक को लेकर फिलहाल आम जनता के साथ-साथ सदन में भी हंगामा मच गया है. अब देखना होगा कि वायरल वीडियो की जांच के बाद केके पाठक को लेकर क्या निर्णय लिए जाते हैं.