फिलिस्तीन और इजरायल के बीच युद्ध जारी है. फिलिस्तीनी समूह हमास ने इजरायल पर दशकों का सबसे बड़ा हमला बोल दिया है. हालांकि, इजरायल ने भी जवाबी कार्यवाई की और कई रोकेट गाजा पट्टी पर दाग दिए. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने इसे 'युद्ध' और '9/11' जैसा हमला करार दिया. इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष वर्षों पुराना है लेकिन यह फिलिस्तीन का अब तक सबसे बड़ा हमला है. अब इस संघर्ष को लेकर दुनिया की राय भी अलग-अलग नजर आ रही है. तो आखिर इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष में कौन किसके साथ खड़ा है ?
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि 84 राष्ट्रों ने उनके समर्थन में बयान जारी किए हैं. साथ ही इजरायल का दावा है कि ये राष्ट्र हमास के हमलों की निंदा भी कर रहे हैं. इधर, मिडिल इस्ट के कई देश इजरायल पर किए गए हमले को सराह रहे हैं. कहा जा रहा है कि हमास ने ईरान की मदद से इजरायल में तबाही मचाई है.
तो आखिर कौन से वो देश हैं, जो इजरायल के साथ खड़े हैं ?
दुनिया का सबसे ताकतवार देश अमेरिका इस संघर्ष में इजरायल के साथ खड़ा नजर आ रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडेन ने कई सैन्य हथियार इजरायल के लिए रवाना किए हैं. ब्रिटेन भी इजरायल के साथ खड़ा है. ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक भी इजरायल का साथ देने की बात कह चुके हैं और शान्ति की अपील की है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हमले की निंदा की है और इजरायल को समर्थन देने का वादा किया है.
ऑस्ट्रेलिया ने भी इजरायल के साथ खड़े होने की बात कही है. साथ ही इस संघर्ष में आम नागरिकों को नुक्सान नहीं पहुंचाने की अपील की है. PM एंथनी अल्बानीज ने हमास के हमले की निंदा की है. नोर्वे ने भी फिलिस्तीनी समूह की तरफ से किए गए हमले की निंदा की है.
इनके अलावा ऑस्ट्रिया, जर्मनी, कनाडा, पोलैंड, स्पेन, और यूरोपियन यूनियन भी इजरायल के समर्थन में नजर आ रहा है.
लेकिन ऐसा नहीं है कि सारे देश इजरायल के समर्थन में ही हैं, कई देश हमास को भी समर्थन कर रहे हैं. हमास के समथन में कौन हैं ?
खबर है कि इजरायल के खिलाफ हो रहे हमलों में ईरान समर्थित हिजबुल्ला भी शामिल है. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी भी फिलिस्तीनी समूह के हमले की तारीफ़ कर रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका भी फिलिस्तीन के साथ खड़ा नजर आ रहा है. यमन के विद्रोही संगठन हैती ने इस 'जिहादी' अभियान में हमास का साथ देने की बात कही है.
सऊदी अरब ने इस युद्ध को तुरंत रोकने की अपील की है. कहा जाता है कि सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंध सामान्य होने में फिलिस्तीन तनाव बड़ा मुद्दा बना हुआ है. कतर ने इस हिंसा का जिम्मेदार इजरायल को ही बताया है. और भी कई मुस्लिम देश हैं, जो इस संघर्ष में फिलिस्तीन के साथ खड़े हैं भले ही वो खुलकर ऐसा बोल न रहे हों.
भारत किसके साथ है ?
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से आधिकारिक तौर पर अब तक बयान जारी नहीं हुआ है. जबकि PM मोदी इस हमले पर हैरानी जाहिर कर रहे हैं. उन्होंने इजरायल में हुई इस तबाही को 'आतंकवादी हमला' बताया है. उन्होंने इजरायल के साथ 'एकजुटता' दिखाने का फैसला किया है.