राजधानी पटना के डीएम साहब डेंगू की चपेट में आ गए हैं. जिनके कंधों पर पूरे जिले की जिम्मेदारी है, उनके प्लेटलेट्स में कमी होने की वजह से उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि, फिलहाल उनके स्वास्थ्य में सुधार बताई जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ राजधानी पटना के अस्पतालों की बात करें तो लगातार वहां डेंगू मरीजों की संख्या में इजाफा देखने के लिए मिल रहा है. हर एक इलाके में लगातार डेंगू बढ़ रहा है. हर दिन डेंगू के नए मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में लोगों से लगातार एहतियात बरतने की अपील की जा रही है.
तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि, आखिर किस हद तक आपके लिए डेंगू के कुछ लक्षण घातक साबित हो सकती है.... दरअसल, राजधानी पटना के अलग-अलग इलाकों में डेंगू का डंक लगातार जारी है. मच्छर काटने के करीब 3 से 5 दिनों के बाद दिखाई देता है. तेज बुखार, शरीर और सिर में दर्द इसके आम लक्षण हैं. डेंगू के लक्षण हल्के और गंभीर दो तरह के होते हैं. बड़ों के मुकाबले, बच्चों में इस बीमारी की तीव्रता अधिक होती है. डेंगू का गंभीर लक्षण मृत्यु का कारण भी बन सकता है. आमतौर पर एक स्वस्थ शरीर के ब्लड में डेढ़ से चार लाख प्लेटलेट्स होते हैं. प्लेटलेट्स शरीर में ब्लीडिंग को रोकने का काम करते हैं. डेंगू का वायरस आमतौर पर प्लेटलेट्स को कम कर देता है, जिससे बॉडी में ब्लीडिंग शुरू हो जाती है, जो कि घातक हो सकता है.
वहीं, अब जानते हैं कि,,, आखिर किस तरह की सावधानियां ऐसे में लोगों बरतनी चाहिए.... दरअसल, डेंगू से बचने के लिए घरों के आस-पास पानी नहीं जमा होने दें. भरे हुए पानी को तुरंत निकाल दें और साफ-सफाई का खास तौर पर ख्याल रखें. कूलर में जमे पानी में मच्छरों के पैदा होने की आशंका अधिक होती है. ऐसे में इससे बचाव के लिए इसमें बचाव के लिए केरोसिन डाला जा सकता है. पानी की टंकियों को खुला नहीं छोड़े. इसे हमेशा ढक कर रखें. संभव हो तो फुल स्लीव के कपड़े पहने और डेंगू के लक्षण सामने आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
बता दें कि, शाम होते-होते मच्छरों का प्रकोप काफी ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में लोगों को खास ख्याल रखने की जरुरत है. बाजार में कई तरह के मॉस्कीटो रिपेलेंट मिलते हैं जैसे ऑल आउट, गुड नाईट आदि. इन्हें रूम में लगाने पर मच्छरों से बचा जा सकता है. इसके अलावे ओडोमॉस जैसी रिपेलेंट क्रीम भी अप्लाई कर सकते हैं. साथ ही सोते समय मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें क्योंकि मच्छरदानी से केवल डेंगू से ही नहीं बल्कि अन्य कीटों से भी बचा जा सकता है. हालांकि, पटना नगर निगम भी बढ़ते डेंगू के प्रकोप को देखते हुए सतर्क हो गई है. लगातार राजधानी पटना के विभिन्न इलाकों में फॉगिंग किया जा रहा है. ताकि डेंगू के स्पीड पर हर हाल में ब्रेक लगाया जा सके. लेकिन, दूसरी तरफ लोगों को खुद से सतर्कता बरतने की खास जरूरत है.