Desk - जहानाबाद के एसपी अरविंद प्रताप सिंह पर 10 हज़ार का जुर्माना लगाया गया है. जिले की किशोर न्याय परिषद ने जानबूझकर आदेश की अवहेलना करने की वजह से SP पर 10 हज़ार का जुर्माना लगाया है और जिले के डीएम को यह जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया है.किशोर न्याय परिषद बिना गिरफ्तारी के ही नाबालिग को थाना लाकर मारपीट करने और मानसिक रूप से प्रताड़ना करने की शिकायत पर सुनवाई कर रही थी.
दरअसल इस मामले में ओकरी थाने का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराया गया. थानाध्यक्ष, बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी एवं विवेचना अधिकारी के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई. बोर्ड ने कहा है कि ओकरी थानाध्यक्ष, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी और मामले के विवेचन अधिकारी के मोबाइल का सीडीआर भी आधा-अधूरा उपलब्ध कराया गया जो बोर्ड के आदेश की अवमानना है.इसके बाद बोर्ड ने इस आदेश की प्रति सूचनार्थ पुलिस महानिदेशक बिहार और मगध रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को दे दी जबकि आदेश के अनुपालन के लिए प्रति जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जहानाबाद को भेज दी गई है. इस पत्र में बोर्ड ने कहा है कि यह एक विधि विवादित बच्चे के मानव अधिकार, मौलिक अधिकार और संवैधानिक अधिकार के हनन का गंभीर मामला है. बोर्ड ने पाया है कि किशोर को बिना गिरफ्तारी मेमो के थाने में रख कर पीटा गया और बुरी तरह प्रताड़ित किया गया.
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बोर्ड के इस आदेश को पुलिस अधीक्षक ने नजरअंदाज करते हुए कोई कदम नहीं उठाया. इसलिए बोर्ड ने पुलिस अधीक्षक पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए 30 सितंबर तक मांगी गई पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने का अंतिम अवसर दिया है.
यह जुर्माना 30 सितंबर 2024 तक जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पीड़ित क्षतिपूर्ति कोष में हर हाल में जमा करने का आदेश दिया गया है. एसपी द्वारा जुर्माना जमा नहीं करने पर जहानाबाद के डीएम को निर्देश दिया है कि वे पुलिस अधीक्षक के खाते से 10 हजार जिला विधिक सेवा प्राधिकार में 19 अक्टूबर तक जमा कराएं.