अवैध खनन को रोकने में एसआई के बलिदान की घटना दुखद है. उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा. बिहार में अवैध खनन पर और भी नकेल कसी जाएगी. उक्त बातें राज्य के खान एवं भूतत्व मंत्री रामानंद यादव ने कही. वे गुरुवार को जमुई पहुंचे थे. यहां उन्होंने दारोगा प्रभात रंजन के बलिदान स्थल का निरीक्षण किया. साथ ही नदियों में बेतरतीब तरीके से हुए बालू उठाव का भी मुआयना किया.
जमुई में इलाजरत होमगार्ड जवान राजेश साह तथा उनकी पत्नी से भी मंत्री ने मुलाकात की तथा सरकार की तरफ से हर संभव सहायता मुहैया कराने का भरोसा दिया. इस दौरान उन्होंने घायल जवान से घटना के संदर्भ में विस्तृत जानकारी ली. मंत्री ने जमुई यात्रा के दौरान अवैध खनन की शिकायत तथा बंदोबस्तधारियों द्वारा नदियों के बेतरतीब दोहन को लेकर खनिज विकास पदाधिकारी गोपाल साह की भी क्लास लगाई.
'अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा'
साथ ही उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने शेष बचे बालू घाटों की भी नीलामी सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए छोटे-छोटे घाटों का भी प्रस्ताव विभाग में भेजने का टास्क खनिज विकास पदाधिकारी को दिया.
मंत्री ने घटनास्थल पर जाने से पहले पत्रकारों को बताया कि जमुई के 47 बालू घाटों की नीलामी हुई है. यहां फिलहाल 37 घाटों की पर्यावरणीय स्वीकृति की फाइल सिया के समक्ष है. विभाग ने तय किया है कि जमुई और लखीसराय की नदियों से एक मीटर की गहराई तक ही बालू का उठाव किया जाएगा. यहां नदियों से बालू खनन में मशीन का उपयोग करने की इजाजत नहीं होगी.
'बिहार के अंबेडकर हैं लालू प्रसाद यादव'
रामानंद यादव ने लालू प्रसाद यादव को बिहार का अंबेडकर करार दिया है. वह यदुवंशी सम्मेलन तथा भाजपा नेताओं के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे. उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में यादवों के नेता सिर्फ और सिर्फ लालू प्रसाद यादव हैं. उन्होंने कहा की बिहार में लालू प्रसाद ने अंबेडकर के सपनों को धरातल पर उतरने का काम किया है. यूं कहे कि लालू प्रसाद दूसरे अंबेडकर हैं.
भाजपा नेताओं पर प्रहार करते हुए मंत्री ने कहा कि पहले तो केंद्र सरकार को अपना वादा निभाना चाहिए. पहली बार विदेश से काला धन लाकर 15 लाख रुपया खाते में भेजने का वायदा कर केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई. वह पूरा हुआ नहीं. दूसरी बार दो करोड़ बेरोजगारों को प्रतिवर्ष रोजगार देने के लुभावने वायदे के साथ फिर सत्तासीन हुई, लेकिन परिणाम सबके सामने है. महंगाई चरम सीमा पार कर गई. आम लोग महंगाई से त्राहिमाम कर रहे हैं.