पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी काफी तेज हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और दोनों चुनाव आयुक्त बिहार पहुंचे हैं जहां वे चुनाव की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे हैं। अपने बिहार दौरे के पहले दिन मुख्य चुनाव आयुक्त और दोनों चुनाव आयुक्त ने बिहार की सभी मान्यताप्राप्त दलों के साथ बैठक की और सुझाव मांगी। इस दौरान सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को अपने सुझाव के साथ अपनी मांगें भी रखी।
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने एक ही चरण में मतदान करवाने की मांग चुनाव आयोग के समक्ष रखी है। इसके पीछे जदयू ने बताया कि एक चरण में मतदान करवाने से चुनाव प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण होगी साथ ही प्रशासनिक बोझ कम पड़ेगा। भाजपा ने भी जदयू की मांग का समर्थन किया साथ ही मतदान केंद्रों पर बुर्का पहन कर आने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। इसके साथ ही भाजपा ने पिछड़ा, अति पिछड़ा और दलित बहुल गांवों में मतदान से पहले पैरामिलिट्री फोर्स की गश्त करवाने की मांग की।
बैठक के दौरान बसपा ने चुनाव आयोग के सामने कहा कि उम्मीदवारों के लिए अखबारों में आपराधिक मामलों के प्रकाशन की प्रक्रिया खर्चीली होती है, ऐसे में अगर चुनाव आयोग खुद प्रकाशन की दर तय कर दे ताकि समान अवसर मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने दलित बस्तियों में बूथवार डेटा साझा करने की प्रक्रिया पर पुनर्विचार की अपील की और कहा कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रलोभन देने वाली घोषणाओं पर सख्ती से रोक लगे। बैठक में चुनाव की पारदर्शिता, सुरक्षा प्रबंधन, आचार संहिता के पालन और मतदान केंद्रों की सुविधा जैसे मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।