शिक्षा विभाग के अधिकारी के के पाठक को लेकर विधान मंडल के दोनों सदनों में पक्ष हो या विपक्ष एक तरफ सवाल खड़ा कर रहा है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री या उनके सबसे करीबी नेता के के पाठक के बचाव में उतर गए हैं पूर्व मंत्री अशोक चौधरी ने के के पाठक की बधाई करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग का जो बजट है उसे बजट के अनुरूप वह काम कर रहे हैं पहले विद्यालयों में ना तो शिक्षक समय पर आते थे और ना ही बच्चे जब के के पाठक ने शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली तब से शिक्षक भी समय पर स्कूल आ रहे हैं और बच्चे भी। वही विश्वविद्यालय के कुलपति की मीटिंग के के पाठक द्वारा किए जाने पर उठ रहे सवाल को लेकर अशोक चौधरी से सवाल पूछा गया तो अशोक चौधरी गोल मटोल जवाब देते हुए नजर है अशोक चौधरी ने कहा कि चुकी हाई एजुकेशन में महामहिम राज्यपाल का आदेश सर्वमान्य होता है। लेकिन हाई एजुकेशन में भी है पैसा जो खर्च होता है वो राज्य सरकार का होता है वहां के शिक्षकों को प्रोफेसर को जो पैसा जाता है वह राज सरकार से जाता है क्योंकि विश्वविद्यालय एक ऑटोनॉमस बॉडी है उसके बावजूद भी वह फंड कलेक्ट नहीं कर पाते हैं राज सरकार से ही जाता है तो उन सभी विषयों को लेकर वह मीटिंग करते हैं।