जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव के आरक्षण और जाति आधारित गणना को लेकर जारी पत्र को झूठ का पुलिंदा करार दिया। उन्होंने तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि सच्चाई तो ये है कि, इनलोगों ने हमेशा से दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों को आरक्षण से वंचित करने का काम किया और इन्हें अपना वोट बैंक समझा।तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि, पत्र जारी करने से पहले तेजस्वी यादव को अपने माता-पिता के शासनकाल को याद कर लेना चाहिए। साथ ही अपने माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से ये सवाल करना चाहिए कि, उन्होंने अपने शासनकाल में कितने दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों का आरक्षण देने का काम किया। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो ये है कि लालू यादव ने दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों को आरक्षण देने की बजाय अपने परिवार को राजनीतिक आरक्षण दिया और परिवार के छह सदस्यों को राजनीतिक रोजगार देने का काम किया। इस दौरान तेजस्वी यादव पर युवाओं को नौकरी देने के फर्जी दावे पर सवाल उठाए और कहा कि तेजस्वी यादव को जिन-जिन विभागों की जिम्मेदारी दी गई थी उन्होंने उन विभागों में कितनी नौकरियां दी, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जिस शिक्षकों की नियुक्तियों का वो झूठा क्रेडिट लेना चाह रहे हैं उसकी सच्चाई ये है कि उनके कोटे से शिक्षा विभाग के मंत्री ने तो नौ महीनों तक विभाग का मुंह तक नहीं देखा था। पार्टी प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव के संविधान खत्म होने के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को इतिहास का ज्ञान नहीं है। उन्होंने कहा कि आज तेजस्वी यादव जिस कांग्रेस की गोद में बैठकर राजनीति कर रहे हैं उसी कांग्रेस ने संविधान का 42वां संशोधन कर संविधान की आत्मा को मारने का काम किया था।