Daesh NewsDarshAd

आरजेडी के प्रतिरोध मार्च पर जदयू का हमला

News Image

जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 निहोरा प्रसाद यादव ने एक बयान जारी कर आरजेडी के प्रतिरोध मार्च पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को प्रतिरोध मार्च निकालने से पहले अपने माता-पिता के शासनकाल को भी याद कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरजेडी जब-जब बिहार में कानून-व्यवस्था का सवाल उठाती है तब-तब लोगों को नब्बे के दशक के दौरान लालू-राबड़ी शासनकाल की याद ताजा हो जाती है।पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि आरजेडी के प्रतिरोध मार्च से ‘चोर मचाए शोर’ वाली कहावत जरुर चरितार्थ हो जाती है। उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल के दौरान आम लोगों की बात कौन करे, उनके शासनकाल में तो खास लोग भी सुरक्षित नहीं थे। लालू-राबड़ी शासनकाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि विधायक अशोक सिंह हत्याकांड को कौन भूल सकता है, जिनकी हत्या विधायक आवास में कर दी गई। उन्होंने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व विधायक आशा सिंह के पति सत्यानारायण सिंह, हेमंत शाही और मंत्री रमा देवी के पति बृजबिहारी प्रसाद की दिनदहाड़े हत्या जैसे दर्जनों खास लोगों की हत्या लालू-राबड़ी शासनकाल के दौरान ही हुई।पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इतना ही नहीं विधान सभा अध्यक्ष श्री सदानंद सिंह के पोते का अपहरण, शंकर प्रसाद टेकरीवाल के रिश्तेदार का अपहरण, पूर्व मंत्री बैजनाथ पांडे, भाजपा विधायक प्रदीप कुमार जैसे कई खास लोगों के रिश्तेदारों का अपहरण किया गया। उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल में तो जेलों के अधिकारी और कर्मचारी कैदियों के आगे हाथ जोड़कर अपने परिवार की सुरक्षा की भीख मांगते थे। बिहार में जेलों में बंद महिला बिना पति के गर्भवती हो जाती थी और कैदी जेल से रंगदारी वसूलने का काम करते थे। उन्होंने आरजेडी से सवाल पूछते हुए कहा कि एक थानेदार एसपी और डीआईजी पर भारी पड़ता था और आज वही लोग किस मुंह से विधि व्यवस्था बिगड़ने की बात कर रहे हैं?

Darsh-ad

Scan and join

Description of image