सत्ताधारी दल के 6 विधायकों सहित पुलिस पदाधिकारी के साथ हुई बैठक में कई बिंदु पर सहमति बनी लेकिन सहायक पुलिसकर्मियों का दर्द भी छलकता दिखा।
सहायक पुलिस कर्मी विवेकानंद ने कहा कि सहायक पुलिस कर्मियों की मुख्य मांगे थी समायोजन। 6 घंटे तक चली लंबी बैठक के बाद इस बात पर निर्णय लिया गया कि समायोजन नियम अनुसार मुमकिन नहीं है इसीलिए आरक्षण के माध्यम से रास्ता खोला जाएगा और वनरक्षी सिपाही और होमगार्ड में 10 फ़ीसदी आरक्षण के साथ 10 वर्ष की उम्र सीमा में छूट दी जाएगी। सहायक पुलिसकर्मी विवेकानंद दुबे ने बताया कि वेतन में 30 फ़ीसदी की वृद्धि की बात कमेटी ने स्वीकारी है तो वही मेडिक्लेम नियमावली के मुताबिक मिलेगा और 50000 की जगह ₹1 लाख के प्रावधान पर सहमति बनी है वहीं उन्होंने बताया कि मृतकों के आशिकों को चार लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमति बनी है और 1 साल का सेवा विस्तार किया जा रहा है। हालांकि सहायक पुलिसकर्मी का दर्द भी उसे वक्त छलकता दिखा जब वह हाथ जोड़कर सरकार से विनती करते दिखे कि इस बार उम्मीद करते हैं कि उनके साथ गलत नहीं होगा और उनकी मांगों का निदान होगा। सहायक पुलिस कर्मियों ने आंदोलन स्थगित करने की घोषणा कर दी।
विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि सहायक पुलिस कर्मियों की मांगों को लेकर आज दिन भर बैठक चलती रही सबसे पह वरीय पदाधिकारी के साथ विधायकों की बैठक हुई जिसमें सहायक पुलिस कर्मियों के मांग से अवगत कराया गया उसके बाद फिर विधायकों के साथ सहायक पुलिस कर्मियों की बैठक शुरू हुई। तकरीबन 6 घंटे तक चली इस बैठक के बाद बैठक की अध्यक्षता कर रहे विधायक मथुरा महतो ने कहा कि सरकार की तरफ से सकारात्मक बातें हुई हैं और अब सहायक पुलिस कर्मियों का आंदोलन समाप्त हो रहा है।
बहरहाल सहायक पुलिसकर्मियों ने आंदोलन स्थगित करने पर सहमति दे दी है लेकिन इस दौरान उनका दर्द भी छलकता हुआ तब नजर आया जब हाथ जोड़कर को सरकार से विनती कर रहे थे कि इस बार उनकी मांगों को मान ली जाए।