झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की पहल पर राज्य के 21 जिलों में जन शिकायत निवारण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिनमें अधिकांश शिकायतें पुलिस के प्रति नाराजगी को लेकर थीं। अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इन सभी शिकायतों की समीक्षा कर रहे हैं, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।
**15 दिनों के अंदर कार्रवाई का आदेश**
जनता की शिकायतों पर समय पर कार्रवाई नहीं होने से पुलिस के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए डीजीपी ने सभी जिलों में जन शिकायत निवारण कैंप लगाने का आदेश दिया था। इस दौरान आईजी, डीआईजी, एसएसपी और एसपी स्तर के अधिकारियों ने जन सुनवाई की। अब सभी मामलों की समीक्षा शुरू हो गई है, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। डीजीपी ने 15 दिनों के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
** डीजीपी करेंगे मामलों की समीक्षा**
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि जन सुनवाई कार्यक्रम को अच्छा प्रतिसाद मिला है, लेकिन इसका पूरा लाभ तभी मिलेगा जब शिकायतों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि वे सभी वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे और उसके बाद अधिकारियों को पुनः जनसुनवाई स्थल पर भेजा जाएगा ताकि जमीनी हकीकत की जांच हो सके।
**लापरवाह पुलिसकर्मियों पर गिरेगी गाज**
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि यदि कोई पुलिसकर्मी या थाना प्रभारी पीड़ित की शिकायत सुनकर कार्रवाई करता है, तो वह कोई एहसान नहीं कर रहा है। यह उनका कर्तव्य है। यदि समीक्षा के बाद कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, अगर किसी निर्दोष व्यक्ति को गलत तरीके से जेल भेजा गया है और यह सामने आता है, तो संबंधित पुलिसकर्मियों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।