कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के द्वारा प्रमंडल स्तरीय सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया गया । इस मौके पर 236 चलंत चिकित्सालय का शुभारंभ भी किया गया । इसके साथ ही पशुपालक कॉल सेंटर का भी उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन , कृषि मंत्री दीपिका पांडे , विधायक कल्पना सोरेन , राज्य सभा सांसद महुआ माजी मौजूद रहे।
इस मौके पर कृषि सचिव ने बताया किसी पशुपालक को उनके चिकित्सकों के लिए डॉक्टर की आवश्यकता होगी , फोन करने पर आधे घंटे में चलंत वाहन पहुंच जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संबोधित करते हुए कहा, सरकार और कृषि विभाग का उद्देश्य और लक्ष्य राज्य खेती बाड़ी से जुड़े लोगों तक लाभ पहुंचाना है। इस क्षेत्र पर सरकार का विशेष ध्यान है। इसको लेकर कई महत्वपूर्ण नीति बनाई गई जो आने वाले समय में राज्य के किसान भाइयों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। किसानों के लिए जो नीतियां बनी थी आज के दिन में कारगर नहीं हो पाया है। इसके पीछे कई सारे कारण हैं। कभी कभी मौसम की बुरी मार से किसानों की कमर टूट जाता है और खेत बाड़ी छोड़ मजदूर बनने के लिए मजबूर हो जाता है। हमारी सरकार ने वैकल्पिक खेती के माध्यम से किसानों को जोड़े रखने के लिए अनेकों कार्यक्रम चलाया गया है।
हमारी सरकार लगातार फोकस कर रही पड़ आपके बगैर सरकार की कोई योजना सफल नहीं हो सकती। किसानों के दो लाख तक ऋण माफी का भी निर्णय लिया , अलग अलग माध्यमों से पशु बांटे गए। पहले किसानों को ऐसे पशु मिलते थे जो बूढ़े होते थे या बीमारी से ग्रस्त होते थे और किसान के ले जाते ही मौत हो जाती थी। हमारी सरकार ने निर्णय लिया किसानों को जो पशु मिलेगा वो बीमाकृत होगा। यहां मत्स्य पालन में बढ़ोतरी हुई है , आंध्र से आने वाली मछलियों में कमी आई है। इस राज्य में दूध , मछली , मुर्गा,अंडा बकरी दूसरे राज्य से आता है।
गरीब के पास पैसा नहीं होता , किसान और ग्रामीण का मूल धन पशुधन और खेत खलिहान होता है। किसान का एटीएम कार्ड ,खेत और खलिहान है ,पशुधन ही है। वन उपज का सही मूल्य मिले इसके लिए हुई सरकार काम कर रही है। किसानों का ग्रामीण व्यवस्था का समाज और देश में बहुत बड़ा महत्व है। किसान और गांव संवृध होगा तभी राज्य संवृद्ध होगा। झारखंड जैसे प्रदेश की जड़ गांव में है।
कई चुनौती , कोर्ट कचहरी और उथल पुथल देखते हुए इस कार्यकाल के अंतिम दौर में हैं। हमने जो लकीर खींचा है वो इतना गाढ़ा होने जा रहा है , कि कोई मिटा नहीं सकता।