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झारखंड में बढ़ते ह्युमन ट्रैफिकिंग के मामले पर हुई बैठक

jharkhand human traffiking

झारखंड में मानव तस्करी यानी ह्युमन ट्रैफिकिंग एक बड़ी समस्या है. भोले-भाले ग्रामीणों को नौकरी का लालच देकर मानव तस्कर उन्हें बड़े शहरों में बेच देते हैं. NCRB की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ मानव तस्करी के जितने मामले पूरे देश में सामने आते हैं, उनमें से 4.2 फीसदी घटनाएं अकेले झारखंड में होती है. इसी को लेकर आज बाल कल्याण विकास को ओर से C20 की बैठक रखी गई.   इस बैठक में उड़ीसा ,बिहार ,झारखंड तीनों राज्यों के साथ एक कॉन्फ्रेंस किया गया  जिसमें यह विचार किया गया कि आखिरकार झारखंड में ह्युमन ट्रैफिकिंग की जो समस्या बढ़ रही है वह आखिरकार क्यों बढ़ रही है इस पर कैसे रोक लगे, सरकार से इसमें कैसे मदद लेनी चाहिए इस पर चर्चा की गई. 

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष काजल यादव ने कहा कि राज्य में ह्युमन ट्रैफिकिंग कैसे रोकी जाए उसपर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि झारखंड की लड़कियों के साथ ह्युमन ट्रैफिकिंग ज्यादा होती है. उन्होंने बताया कि लड़कियों को रोजगार का लालच देकर बेंगलुरु आदि जगहों पर ले जाया जाता है. उन्होंने कहा कि हाल ही में बेंगलुरु से झारखंड की 11 लड़कियों को रेस्क्यू किया गया था. 

वहीं बाल विकास के जॉइंट कोर्डिनेटर किरण का कहना है कि कॉन्फ्रेंस में हर बिन्दुओं पर चर्चा की गई, जिससे ह्युमन ट्रैफिकिंग को रोका जाए. उन्होंने कहा कि ट्रैफिकिंग रोकने के लिए सरकार से भी मदद ली जाएगी.

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