05 अगस्त से चल रही धरना प्रदर्शन के बाद 08 अगस्त को JEPC और संघ के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई थी जिसमे 20 अगस्त तक मांगो को लेकर सकारात्मक कार्यवाही करने और धरना में शामिल होने वाले सदस्यों पर किसी तरह की कार्यवाही नही करने का लिखित आश्वाशन मिला था।
20 अगस्त तक JEPC की तरफ से मांगो को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई और न ही कोई सूचना दी गई। साथ ही साथ कंपनी ने तन्मय कुमार, सुमंत कुमार और एक अन्य महिला इंस्ट्रक्टर को कार्य से निष्कासित कर दिया।
कंपनी के जिला समन्वयकों द्वारा लगातार इंस्ट्रक्टरों को डराया और धमकाया जा रहा।
सम्मानजनक वेतन, समायोजन के साथ साथ निकाले गए सभी इंस्ट्रक्टरों को फिर से बहाल करने की मांगों को लेकर राज्य के समस्त इंस्ट्रक्टर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं।
निष्कासित किए गए इंस्ट्रक्टर तन्मय कुमार और विश्व नारायण अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे हैं।