जमीन घोटाले मामले में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से पूछताछ खत्म हो गई.लेकिन अब यह पूछताछ सियासी बयानबाजी में बदल गई है.शनिवार को एक ओर Ed के अधिकारी CM से पूछताछ कर रहे थे तो दूसरी ओर झामुमो कार्यकर्ता सड़क पर आक्रोश दिखा रहे थे.लेकिन इस बीच झामुमो ने अब आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के इशारे पर CRPF के जवानों को CM आवास में घुसाने की तैयारी थी.साथ ही झामुमो कार्यकर्ताओं के साथ झड़प की योजना बनी थी.जिससे विधि व्यवस्था चौपट हो और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सके।
रविवार को झामुमो की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि जब ED मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से पूछताछ कर रही थी.तभी दोपहर में 500 CRPF जवान बिना किसी परमिशन और जिला प्रशासन को सूचना दिए बगैर CM आवास पहुंच गए.CRPF के जवान CM आवास में घुसना चाह रहे थे.साथ ही झामुमो के कार्यकर्ताओं से उलझने की कोशिश कर रहे थे।
यह सब केंद्र के इशारे पर किया जा रहा था.जिससे कार्यकर्ता और CRPF में झड़प हो और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए.इस पूरे मामले में CRPF IG पर सवाल उठाया है.साथ ही इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
विज्ञप्ति में लिखा गया है कि केंद्रीय सुरक्षा बल देश की रक्षा के लिए होते है.लेकिन अब इसका राजनीतिक इस्तेमाल करना सही नहीं है.यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है.अगर पुलिस और सुरक्षा बल सरकार के इशारे पर काम करें तो यह घातक है.झामुमो ने आगामी चुनाव को भी प्रभावित करने का अंदेशा जताया है।
इस पूरे मामले में एक निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.आगे झामुमो ने कहा कि ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन करने को बाध्य होंगे.