वर्तमान में झारखण्ड के श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग द्वारा संचालित सरकारी आईटीआई का विवरण इस प्रकार है:-
1. सामान्य आई०टी०आई० की संख्या 58 (झारखंड सरकार दवारा संचालित)
2. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लिए (LWE) आई०टी०आई० कि संख्या 16 (झारखंड सरकार द्वारा संचालित)
3. CSR आई०टी०आई० कि संख्या 04 (निजी एवं औद्यो गिक घराना द्वारा संचालित)
4. MSME आई०टी०आई० कि संख्या 01 (निजी एवं औद्यो गिक घराना द्वारा संचालित)
5. PPP आई०टी०आई० कि संख्या 05 (निजी एवं औद्योगिक घराना द्वारा संचालित)
6. TSP आई०टी०आई० कि संख्या 09 (नीजि एवं औद्यो्गिक घराना द्वारा संचालित)
7. लगभग 15 नये आई०टी०आई० का निमार्ण हो चुकी है लेकिन अनुदेशकों की कमी के कारणवश अब तक प्रशिक्षण कार्य प्रांरभ नहीं हुआ।
8. विभागीय पोर्टल NCVT के आधार पर सरकारी आई०टी०आई० में प्रत्येक वर्ष प्रवेश लेने वाले प्रशिक्षुओं की संख्या लगभग 16000 है।
9. प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) एवं विभागीय पोर्टल NCVT के आधार पर झारखंड के सरकारी आई०टी०आई० में अनुदेशकों की संख्या 1547 होना चाहिए। लेकिन 2019 के RTI रिपोर्ट अनुसार मात्र 324 अनुदेशक थे तथा वर्तमान में विभागीय पोर्टल NCVT के अनुसार मात्र 308 अनुदेशक ही कार्यरत है।
नोट :– ज्ञात हो कि पिछले चौदह साल से इस विभाग में नियुक्ति नही हुई हैं , अंतिम बार वर्ष 2009 में औद्योगिक प्रशिक्षण अधिकारी की नियुक्ति हुई हैं।
इधर रिजल्ट एवं नियुक्ति लेकर योग्य अभ्यर्थी रोड पर आन्दोलन कर रहे हैं :
आपको बताते चले कि झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित आई.टी.आई. प्रशिक्षण अधिकारी विज्ञापन संख्या 08/2023 एवं 09/2023 का रिजल्ट की मांग को लेकर राजभवन के जाकिर हुसैन पार्क के समक्ष आठवां दिन भी धरना प्रदर्शन में बैठे हुए हैं।
इसके पश्चात आदित्य विक्रम जयसवाल ने वहाँ धरना दे रहे झारखण्ड आईसीटी स्कूल कॉर्डिनेटर वेलफेयर एसोसिएशन के लोगों से मुलाक़ात किया एवं उनकी माँगो को जाना।
माँगो में मुख्यतः
1. ठेका प्रथा (कंपनी मुक्त) को समाप्त कर समायोजन करना।
2. एक सम्मानजनक वेतन 20000 रुपया करना।
3. कंप्यूटर विसय को अनिवार्य विसय करना।
4. 60 वर्स तक सिक्षकों को नौकरी पर रखना।
5. महिलाओं को विशेष अवकाश एवं मातृत्व अवकाश देना।
6. आने वाले टीजीटी एवं पीजीटी में 50% आरक्षण आईसीटी सिक्षकों को देना।
7. अनुचित तरीक़े से हटाये गए आईसीटी अनुदेशक को मुआवज़ा के साथ पुनः नौकरी पर लेना।
8. जेईपीसी निर्देशक द्वारा कहे गए शब्दों को जिसमे कहा गया है पालने के लिए आईसीटी को नहीं रखे हैं उसपर कार्यवाही करते हुए पदमुक्त करना और आँकलन परीक्षा रद्द करना।
इसके पश्चात् आदित्य विक्रम जयसवाल ने कहा कि यह लोगों की सरकार है एवं मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार संवेदनशील है और कार्यों को अच्छे तरीक़े से कर रही है। मैं हमारे झारखण्ड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर जी एवं माननीय मुख्यमंत्री जी से पत्र लिखकर मुलाक़ात करूँगा एवं अनुरोध करूँगा कि जायज़ माँगो को लागू किया जाए।