कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बात करते हुए झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुश्री गुंजन सिंह ने कहा कि बढ़ती महंगाई का सबसे अधिक असर गृहणियों पर पड़ रहा है। अपने परिवार, वित्त और कल्याण के बीच संतुलन बनाने वाली ये अनसुनी नायिकाएं लगातार बढ़ती कीमतों के तूफान से जूझ रही हैं। सुश्री गुंजन सिंह ने कहा कि सब्जियों में टमाटर, जो कभी खाने की मुख्य चीज हुआ करती थी, उसकी कीमत 30 रुपए से लगभग दोगुनी होकर से 70 रुपए तक पहुंच गई है। लहसुन की कीमत भी आसमान छू रही है, जो 400 से 500 रुपए तक पहुंच गई है। प्याज की कीमत 30 से 40 रुपए पहुंच गई है। यहां तक कि आलू की कीमत भी 15 रुपए से बढ़कर 25 रुपए हो गई है।
इसी प्रकार अनगिनत रसोइयों की जीवन रेखा एलपीजी सिलेंडर की कीमत पिछले सालों में बढ़कर आज 1050 रुपए तक पहुंच गई है। यह वृद्धि घर के बजट पर काफी दबाव डालती है, जिससे परिवारों को गैस के उपयोग में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इससे स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रभावित होती है। खाद्य पदार्थ, ईंधन और बुनियादी जरूरतों जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें आय वृद्धि को पछाड़ रही हैं, जिससे गृहिणियों के बजट सिकुड़ रहे हैं। उन्हें कई कठिन विकल्पों का सामना करना पड़ता है। अपनी खुद की जरूरतों का त्याग करना या अपने परिवारों के लिए भोजन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की गुणवत्ता और मात्रा कम करना। सीमित साधनों में प्रबंधन करने का लगातार दबाव, बढ़ती कीमतों की चिंता के साथ गृहिणियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भारी असर पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में हम गृहिणियों के मौन संघर्षों से आंखें नहीं चुरा सकते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए गुंजन सिंह ने कहा कि आज गृहणियों की इस दुर्दशा पर मौन साधे प्रधानमंत्री पिछले 10 साल में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपाय लागू करने में विफल साबित हुए हैं। केंद्र सरकार आवश्यक वस्तुओं पर सब्सिडी या मूल्य नियंत्रण करने की जगह पिछले 10 साल में बड़े उद्योगपतियों का 10 लाख करोड़ बैंक लोन को ‘राइट ऑफ’ के माध्यम से माफ कर चुकी है।
गृहिणियों पर बढ़ती महंगाई का बोझ आंकड़े बयां करते हैं। उनकी पीड़ा को यदि आज कोई समझ रहा है तो वह देश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हमारे नेता राहुल गांधी हैं, जो ‘नीति संचालित’ राजनीति के माध्यम से आम जन की तकलीफों को हल करने का मार्ग प्रदर्शित कर रहे हैं। आज देश भाजपा की मुद्दों से भटकाने वाली राजनीति के खिलाफ एकजुटता से लड़ाई लड़ रहा है।