12 फरवरी का दिन बिहार की सियासत के लिए बेहद ही खास माना जा रहा है. दरअसल, नई सरकार के गठन के बाद 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है, जिसे लेकर गहमागहमी बनी हुई है. हर किसी की निगाहें फ्लोर टेस्ट पर फिलहाल टिकी है. इस क्रम में हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने बीजेपी और जेडीयू का प्रेशर बढा दिया है. बता दें कि, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया है, जिसमें पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग दिया गया है. जिसको लेकर जीतनराम मांझी ने सवाल उठाए हैं.
'कम से कम 2 रोटी तो दीजिए'
HAM अध्यक्ष ने एक बार फिर बीजेपी-जेडीयू पर दबाव बनाते हुए कहा कि, हमारा एक रोटी से पेट नहीं भरता है, कम से कम दो रोटी तो दीजिए. उन्होंने कहा साफ तौर पर कहा कि, "हमारा एक रोटी से पेट नहीं भरता है. हम 2-3 रोटी की मांग करेंगे. कम से कम 2 रोटी तो दीजिए. गरीबों के लिए काम करना है तो हमको अच्छा विभाग भी चाहिए. अपने नेता से इसके लिए मांग रखे हैं." बता दें, जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार को नीतीश कुमार ने सूचना प्रविधिकी और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग दिया है. इससे पहले जब संतोष महागठबंधन की सरकार में मंत्री थे, तब भी उन्हें एससी-एसटी कल्याण दिया गया था. जब जीतनराम मांझी बिहार सरकार में मंत्री थे, तब भी उनके पास इसी विभाग की जिम्मेदारी थी.
दांव-पेंच से माहौल गरमाया
सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इसे मुद्दा बनाकर असंतोष जाहिर कर दिया है. मांझी ने HAM कोटे से मंत्री संतोष सुमन को एससी-एसटी कल्याण विभाग मिलने पर गया में खुले मंच से कहा कि, "मैं मंत्री था तब भी यही विभाग मिला और मेरे बेटे संतोष को भी एससी-एसटी कल्याण विभाग ही मिलता है. उन्होंने सवाल किया- क्या पथ निर्माण और भवन निर्माण विभाग का काम हम लोग नहीं कर सकते हैं ? मुझे इस बात का दुख है." दरअसल, बिहार की सियासत में दांव-पेंच से माहौल गरमाया हुआ है. HAM की कोशिश है कि नई सरकार में एक महत्वपूर्ण विभाग लिया जाए या एक और मंत्री की मांग को आगे बढ़ाया जाए. चूंकि जीतनराम मांझी के बारे में चर्चा होती रही है कि वो महागठबंधन खेमे के संपर्क में है. ऐसी खबरें बार-बार आईं और मंत्री संतोष सुमन ने इन खबरों को खारिज किया.